Afghanistan Crisis: संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में मानवीय सहायता (Humanitarian aid) मुहैया कराने के लिए प्रस्ताव 2615 को मंजूरी दे दी है. इसे लेकर अफगानिस्तान की तालिबान सरकार (Afghanistan's Taliban Government) के प्रवक्ता ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र (United Nations) का ये प्रस्ताव एक अच्छा कदम है. 


भारत ने इस प्रस्ताव का समर्थन करने के साथ ही आग्रह किया है कि अंतरराष्ट्रीय बिरादरी को मानवीय सहायता पर नजर बनाए रखना चाहिए. साथ ही यह भी देखा जाना चाहिए कि कहीं मदद की राशि किसी अन्य मद में तो नहीं भेजी जा रही है.


सुरक्षा परिषद में भारत ने क्या कहा? 


भारत ने सुरक्षा परिषद में कहा कि अफगान लोगों को मानवीय सहायता बिना किसी बाधा के मिलना चाहिए. साथ ही इसके वितरण में धर्म, जाति, सामुदायिक पहचान के कोई भेदभाव नहीं किया जाना चाहिए. भारत ने अफगानिस्तान के लिए 5 लाख वैक्सीन डोज (Vaccine Dose) और दवाओं की खेप एयरलिफ्ट किए हैं. साथ ही यह भरोसा दिया है कि जल्द ही आपात सहायता की एक और खेप पहुंचाई जाएगी.


50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजेगा भारत 


बीते दिनों विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा था कि संकट से जूझ रहे अफगानिस्तान को मानवीय सहायता पहुंचाना जारी रखेंगे. भारत, अफगानिस्तान को 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजने के लिए प्रतिबद्ध है. इस मदद को जमीन के रास्ते से अफगानिस्तान तक पहुंचाने के लिए भारत, पाकिस्तान के अधिकारियों के साथ संपर्क में है.


वहीं, तालिबान ने यूएस प्रतिनिधियों के साथ दोहा में हुई बैठक में अपने फ्रीज्ड फंड रिलीज करने की मांग की थी. तालिबान ने यूएस से आर्थिक संकट और गिरती हुई अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए अपने जमा फंड जारी करने का आग्रह किया था. 


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