Terror Group: भारत ने गुरुवार को कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ओर से प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) जैसे संगठनों के बीच संबंध क्षेत्र के लिए प्रत्यक्ष खतरा है. साथ ही भारत ने यह सुनिश्चित करने के लिए एकीकृत अंतरराष्ट्रीय कार्रवाई का आह्वान किया कि अफगानिस्तान आतंकवादी समूहों के लिए पनाहगाह नहीं बने.


पाकिस्तान की ओर परोक्ष तौर पर इशारा करते हुए भारत ने यह भी कहा कि प्रतिबंधित संगठनों को इस क्षेत्र में स्थित आतंकी पनाहगाहों से कोई मदद नहीं मिलना भी सुनिश्चित किया जाए. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टी एस तिरुमूर्ति ने यूएनएएमए पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में कहा कि अफगानिस्तान में ‘आईएसआईएल-खोरासन’ की मौजूदगी और हमले करने की उनकी क्षमता में खासी वृद्धि हुई है.


आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई की अपील


फिलहाल ‘आईएसआईएल-खोरासन’, आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट का एक सहयोगी समूह है, जो कि अफगानिस्तान से अपनी गतिविधियां चलाता है. तिरुमूर्ति ने 1988 की प्रतिबंध समिति की हालिया रिपोर्ट के निष्कर्षों का हवाला दिया, जिसमें संकेत दिया गया था कि अफगानिस्तान में मौजूदा प्राधिकारियों को अपनी आतंकवाद विरोधी प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए और अधिक मजबूत कार्रवाई करने की आवश्यकता है.


अफगानिस्तान में ट्रेंनिंग कैंप चला रहे पाकिस्तानी आतंकी संगठन


बता दें कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र की ओर से पेश की गई एक रिपोर्ट के अनुसार बताया गया है कि 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के नेतृत्व में जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन अफगानिस्तान के कुछ प्रांतों में ट्रेनिंग कैंप का संचालन कर रहे हैं. जिनमें से कुच सीधे तौर पर तालिबान के नियंत्रण में है.


इसे भी पढ़ेंः
Maharashtra Political Crisis: 'हमारे साथ है राष्ट्रीय पार्टी, जरूरत पड़ी तो पीछे नहीं हटेगी', इशारों में बहुत कुछ कह गए एकनाथ शिंदे


Maharashtra Political Crisis: MVA को लेकर संजय राउत के बयान के बाद शरद पवार की दो टूक, बताया उद्धव ठाकरे के साथ रहेंगे या नहीं?