रूस और यूक्रेन में जारी जंग के बीच कई भारतीय यूक्रेन में फंसे हुए हैं. भारत सरकार अपने नागरिकों को वहां से निकालने के लिए ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) अभियान चला रही है. फ्लाइट्स के जरिए भारतीय छात्रों (Indian Students) और वहां रहने वाले नागरिकों को देश लाया जा रहा है. इस बीच केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों की निकासी की देखरेख के लिए स्लोवाकिया में हैं. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों और उनके परिजनों को यह भरोसा दिलाया है कि जब तक संकटग्रस्त देश से अंतिम साथी नागरिक को सुरक्षित नहीं निकाल लिया जाता है तब वो ये जगह नहीं छोड़ेगे. रिजिजू ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन के पड़ोसी देशों में भारतीय नागरिकों की निकासी प्रक्रिया की निगरानी के लिए भारत सरकार की ओर से तैनात चार विशेष दूतों में से एक है.


यूक्रेन में सभी भारतीयों को सुरक्षित बाहर निकालेंगे- रिजिजू


केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू (Kiren Rijiju) बुधवार को स्लोवाकिया (Slovakia) के कोसिसे शहर पहुंचे हैं. यूक्रेन की सीमा पार कर कोसिसे पहुंचे भारतीय छात्रों के साथ बातचीत करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सरकार की प्राथमिकता सभी को यूक्रेन से सुरक्षित बाहर निकालना है. हमने पहले ही सभी को आश्वासन दिया है कि हम हर भारतीय नागरिक को सुरक्षित निकालकर उन्हें अपने देश पहुंचाएंगे. यह प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का निर्देश है कि हम किसी को पीछे नहीं छोड़ेंगे. जो युद्ध क्षेत्र में हैं, उनकी कुछ मजबूरियां हैं. यहां तक ​​​​कि हमारे दूतावास के कर्मचारी भी वहां नहीं पहुंच सकते क्योंकि वहां लगातार गोलीबारी और बमबारी हो रही है.
 
'निकासी चुनौतीपूर्ण है लेकिन हम सभी को निकालकर ही दम लेंगे'


केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने आगे कहा कि निकासी इतनी आसान नहीं है. हालात बहुत चुनौतीपूर्ण हैं लेकिन फिर भी मुश्किल हालातों में भी प्रयास कर रहे हैं. जब तक वहां से सभी को निकाल नहीं लेंगे तब हम दम नहीं लेंगे. रिजिजू ने छात्रों से अपने माता-पिता को यह संदेश देने का अनुरोध किया कि भारत सरकार उन्हें सुरक्षित घर पहुंचाने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है. उन्होंने फिर दोहराते हुए कि वो इस जगह को तब तक नहीं छोड़ेंगे जब तक यूक्रेन से अंतिम भारतीय को नहीं निकाला जाता है. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने नागरिकों को सुरक्षित करने और उन्हें जल्द से जल्द घर लाने के लिए एक साफ निर्देश दिए हैं. बचाव अभियान को अंजाम देने वाला भारत एकमात्र देश है.


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