Ukraine Russia War: यूक्रेन-रूस युद्ध का आज आठावां दिन है. बुधवार को प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से बात की थी. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि यूक्रेन की सेना भारतीय स्टूडेंट्स को बंधक बना रही है और उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है.


ऐसे में यूक्रेन द्वारा भारतीय छात्रों को बंधक बनाये जाने के आरोप पर विदेश मंत्रालय ने अपना स्पष्टीकरण जारी किया है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि भारतीय छात्रों को बंधक बनाये जाने जैसे हालात के बारे में कोई खबर नहीं है. 





प्रवक्ता ने कहा कि यूक्रेन में हमारा दुतावास वहां फंसे हुये प्रवासी भारतीयों से संपर्क में है. हमारे दुतावास ने यूक्रेन के प्रशासनिक अधिकारियों से संपर्क बना रखा है.  कई भारतीयों ने बुधवार को ही खारकीव छोड़ दिया था. हमारे पास अभी तक किसी भी भारतीय छात्र को बंधक बनाये जाने की खबर नहीं आई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने भारतीय छात्रों को बाहर निकलने में मदद करने के लिये यूक्रेनी अधिकारियों से विशेष ट्रेन चलाने का अनुरोध किया है. 






बुधवार रात को रूस ने लगाया था आरोप


बता दें कि यूक्रेन से अब भी सैकड़ों भारतीय छात्रों के फंसे होने की सूचना है. इन स्टूडेंट्स को जल्दी वहां से निकालने को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन से बुधवार रात हुई बातचीत में चर्चा की. इस दौरान रूसी राष्ट्रपति ने बताया कि यूक्रेन की सेना भारतीय स्टूडेंट्स को बंधक बना रही है और उन्हें ढाल के रूप में इस्तेमाल कर रही है. भारतीय छात्रों को रूस की धरती पर जाने से रोका जा रहा है. बातचीत के बाद इन आरोपों को लेकर रूस के राष्ट्रपति भवन की ओर से एक बयान भी जारी किया गया.


भारतीयों को निकालने के दिए निर्देश


व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी को बताया कि भारतीय छात्रों को वॉर जोन से सुरक्षित निकालकर उन्हें भारत भेजने के लिए सभी जरूरी निर्देश जारी किए गए हैं. रूसी सेना इस दिशा में हरसंभव कोशिश कर रही है. भारतीय छात्रों के फौरन रेस्क्यू के लिए रूसी सेना खारकीव से रूस तक एक सुरक्षित कॉरिडोर बनाने पर भी काम कर रही है.


यूक्रेन ने रूस के आरोपों को किया खारिज


वहीं रूस के इन आरोपों को यूक्रेन ने खारिज किया है. ट्विटर पर यूक्रेन ने विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि, हम भारत, पाकिस्तान, चीन और दूसरे देशों की सरकारों से अपील करते हैं कि वो मॉस्को से मांग करें कि उनके छात्रों को यूक्रेन के दूसरे शहरों में जाने के लिए सुरक्षित कॉरिडोर की इजाजत दी जाए. ये छात्र खारकिव और सुमी में रूसी आक्रमण की वजह से बंधक बने हुए हैं.


यूएस ने भी दी प्रतिक्रिया


यूक्रेन द्वारा भारतीयों को बंधक बनाकर ढाल के रूप में इस्तेमाल किए जाने के रूस सरकार के बयान पर अमेरिका ने भी प्रतिक्रिया दी है. अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा कि, हमने नागरिकों को मानव ढाल की तरह इस्तेमाल करने जैसी कोई रिपोर्ट नहीं देखी है. ये रूस के प्रोपेगेंडा वॉर का नतीजा है.


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