यूक्रेन की कई पब्लिक लाइब्रेरी इन दिनों किताबों को सहेजने के साथ-साथ युद्ध मोर्चे पर सैनिकों के लिए केमोफ्लाज बना रही हैं. युवा युद्ध के मोर्चे पर जा रहे हैं तो महिलाएं बच्चे, बूढ़े इस तरह की नेट बनाने के अलावा कई अन्य वोलेंटियर गतिविधियों में लगे हैं. लवीव की एक पब्लिक लाइब्रेरी में मौजूद वालेंटियर लारीसा कहती हैं कि यूक्रेन युद्ध में है और हर कोई अपनी अपनी क्षमता से योगदान दे रहा है.


सेना और सुरक्षाबलों की जरूरत के लिए इस तरह के नेट खारकीव और सूमी में नहीं बनाए जा सकते. इसलिए हम यहां से नेट बनाकर उन्हें देश के उन हिस्सों और युद्ध मोर्चों पर भेज रहे हैं, जहां इनकी ज्यादा जरूरत है. नेट बनाने में जुटी हाना बताती हैं कि उनके जैसे 15 हजार युवा वॉलेंटियर इस तरह के युद्धकाल में मदद के कामों में जुटे हैं.  इस तरह के अलग-अलग केंद्रों में हर दिन आस पास के लोग जमा होते हैं. महिलाएं और बच्चे करीब 6-7 घण्टे का श्रम दान कर रहे हैं. इस तरह के केमोफ्लाज नेट आम तौर पर सैनिक मोर्चाबंदी, एयर डिफेंस गन या आर्टिलरी गन पोजीशन को कवर देने के काम में आती हैं.


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने शनिवार को कहा कि किसी तीसरे पक्ष द्वारा यूक्रेन के ऊपर ‘उड़ान निषिद्ध क्षेत्र’ घोषित करने को मास्को “युद्ध में शामिल होने’’ के तौर पर देखेगा. इस बीच, यूक्रेन के अधिकारियों ने आरोप लगाया कि रूस ने संघर्ष विराम के विपरीत कार्रवाई करते हुए दो शहरों पर बमबारी की, जिससे वहां से लोगों को निकालने में दिक्कत का सामना करना पड़ा. मारियूपोल और वोलनोवाखा में संघर्ष विराम लागू नहीं होने से युद्ध खत्म करने के प्रयासों पर पानी फिरता नजर आ रहा है। इसके साथ ही मात्र 10 दिन में करीब 14 लाख लोग यूक्रेन छोड़कर जा चुके हैं।


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