Ukraine Russia War: रूस में पिछले 13 दिनों से जंग जारी है. एक तरफ जहां रूस यूक्रेन के कई बड़े शहरों पर हमला कर रहा है वहीं यूक्रेन ने भी हार ना मानने की ठान ली है. रूस के हमले के लगभग दो हफ्ते बाद भी यूक्रेनी सेना ने रूसी सैनिकों को आगे बढ़ने से रोक रखा है. यूक्रेन के फोर्स के बहादुरी की पश्चिमी देश जहां जमकर प्रशंसा कर रहे हैं वहीं रूस के लगातार हमले के प्रति प्रतिबंध के जरिए अपनी नाराजगी जाहिर करने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं. 


दोनों देशों के बीच जंग देख विश्लेषकों का मानना है कि रूस की सेना यूक्रेन की सेना से संख्यात्मक रूप से कई गुना बेहतर है, बावजूद इसके यूक्रेन की सेना के अंदर एकता और राष्ट्र को बचाने की भावना ने रूस को कड़ा टक्कर दिया है. विशेषज्ञों की माने तो यूक्रेन ने दुश्मनों से लड़ने की अच्छी तैयारी का है और रूस ने कईं गलतियां जो यूक्रेन की सेना को ताकत दे रहा है और रूस को आगे बढ़ने से रोक रहा है. 


हालांकि इस जंग का अंजाम क्या होगा ये अभी तय कर पाना मुश्किल है. इसका सबसे बड़ा कारण है रूस और यूक्रेन का हार ना मानना. हाल ही में रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि वह अपने और अपने लक्ष्यों के बीच कुछ भी आड़े आने नहीं देंगे. एक वरिष्ठ फ्रांसीसी सैन्य सूत्र ने नाम नहीं बताने के शर्त पर कहा कि वह अपने लक्ष्य के बीच किसी को नहीं आने देंगे हालांकि उनका मानना है कि सेना फिलहाल तेजी से आगे नहीं बढ़ रहे हैं. उन्हें अभी एक बार फिर संगठित करने की जरूरत है. लेकिन ये उनके हार जाने या हार मानने का संकेत नहीं है. 


इस पूरे युद्ध के दौरान सबसे बड़ा सवाल उठता है कि आखिर क्या कारण है कि रूस की इतना बड़ी सेना को रोकने में यूक्रेन सफल हो रहा है. 


तैयारी


यूक्रेन ने साल 2014 में रूस का क्रीमिया पर कब्जे के बाद से ही पश्चिमी मदद से अपने सशस्त्र बलों को काफी हद तक मजबूत किया है. नाटो और कीव ने साल 2016 में  यूक्रेनी विशेष बलों के लिए एक प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू किया था, जो कार्यक्रेम बढ़कर अब 2000 की संख्या में पहुंच गई हैं और नागरिक स्वयंसेवकों की मदद करने में सक्षम हैं.


स्थानीय ज्ञान 


मॉस्को ने यूक्रेन की सेना को कमतर आंक लिया था लेकिन यूक्रेन के शहरों का स्थानीय ज्ञान होना भी यूक्रेनी सेना के लिए बड़ी बात थी. स्थानीय ज्ञान में दोनों तरह का ज्ञान शामिल है.  भू-भाग का ज्ञान और दूसरा स्थानीय लोगों की क्षमता जो खुद को हमलावर ताकतों के खिलाफ हथियार उठाने में सक्षम हो चुके हैं.


एकजुटता


इस युद्ध में रूस को कड़ा टक्कर देने का एक और सबसे बड़ा कारण है. वह है एकजुटता. दरअसल यूक्रेन के राष्ट्रपति का युद्ध के मैदान में डटकर खड़ा रहना वहां के सैनिकों और आम लोगों के मनोबल को बढ़ाने का काम कर रहा है. हालांकि तादाद और टेक्नोलॉजी से लैश रूसी सैनिकों ने कीव में दस्तक दे दू है. लेकिन इसके बाद भी  आम नागरिकों ने फ्रंटलाइन के लिए स्वेच्छा से काम किया है, और रूसी सैनिकों का डटकर मुकाबला कर रहे हैं. 


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