Turkiye-Syria Earthquake Updates: पश्चिमी एशियाई देश तुर्किए (Turkiye) और सीरिया (Syria) में 6 फरवरी को आए भूकंप (Earthquake) से बड़ी क्षति पहुंची है. यहां प्रभावित इलाकों में जैसे-जैसे आपदा-राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है, लाशें और जख्मी लोग मिलते जा रहे हैं. मृतकों की संख्या शुक्रवार रात को 23 हजार के पार चली गई. जबकि घायलों का आंकड़ा 40 हजार से ज्यादा है. भारतीय रेस्क्यू टीम के एक मेंबर ने बताया कि तुर्किए के कई शहरों में अभी तापमान शून्य से नीचे है, वहां बर्फबारी से भी बचाव कार्य में बाधा आ रही है. आइए यहां जानते हैं 10 बड़ी बातें -



  1. आपदा के 108 घंटे बाद निकाले गए मां-बच्चे
    सीरिया-बॉर्डर के प्रांत हैते में आपदा के 108 घंटे बाद मलबे के ढेर से चार लोगों के एक परिवार- एक मां और उसके तीन बच्चों को बाहर निकाला गया. उनमें एक नवजात भी था. जिसकी तस्वीरें अब दुनियाभर में चर्चा में हैं. इसी तरह बचावकर्मियों ने 10 दिन के बच्चे और उसकी मां को भूकंप से तबाही के 90 घंटे बाद जिंदा बाहर निकाला था.

  2. सीरिया के कई इलाकों में रेस्क्यू टीमों का अभाव
    तुर्किए में इन दिनों हाड़ कंपा देने वाली सर्दी के बीच लाखों लोग बेघर हो गए हैं और उनके लिए भोजन-पानी की कमी हो गई है. वहीं, वर्षों तक युद्धग्रस्त रहे सीरिया के पास रेस्क्यू टीमों का अभाव है. ऐसे में दोनों देशों के नेताओं को अपने यहां की आबादी के बारे में कई सवालों का सामना करना पड़ रहा है.

  3. कई शहर पूरी तरह तबाह हुए
    भूकंप के चलते तुर्किए के अंटाक्या, सनलिउरफा और सीरिया का अलेप्पो शहर पूरी तरह बर्बाद नजर आ रहे हैं. यहां इतनी इमारतें ढही हैं कि उनका मलबा हटाने पर भी जान गंवाने वाले लोगों की संख्या शायद ही पता चल पाए. प्रभावित इलाकों में पानी और बिजली की सप्लाई भी बंद है.

  4. शेल्टर होम्स में रहने को मजबूर हजारों लोग
    तुर्किए और सीरिया दोनों देशों के कई शहर-कस्बों में अब लोग शेल्टर होम्स में रहने को मजबूर हैं. उनमें से बहुत-से लोगों को खाने-पीने की चीजें नहीं मिल पा रही हैं. वहीं, कुछ को मदद मिल रही है, लेकिन वो बहुत कम है.

  5. कहीं-कहीं सामूहिक कब्रें बनाई जा रहीं
    तुर्किए के दक्षिण में सीरिया में मारे गए लोगों को दफनाने के लिए सामूहिक कब्रें बनाई जा रही हैं. दरअसल, यहां भूकंप ने उथल-पुथल म​चा दी और कब्रिस्तानों की कमी पड़ गई. अकेले सीरिया में 4 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं.

  6. 95 से ज्यादा देशों ने मदद भेजी
    भूकंप का एपिसेंटर रहे गाजियांटेप शहर के लोगों का कहना है कि तबाही के घंटों बाद भी उन तक मदद नहीं पहुंची थी. हालांकि 95 से ज्यादा देशों ने मदद भेजी है. इन देशों में भारत प्रमुखता से शामिल है.

  7. दिन-रात जुटीं हैं भारतीय रेस्क्यू टीमें
    भारत से तुर्किए में भूकंप-प्रभावितों की मदद के लिए कल तक 6 विमान राहत सामग्री से भरकर रवाना कर दिए गए थे. वहीं, बचाव कार्यों में भी भारतीय रेस्क्यू टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं. भारत की रेस्क्यू टीम ने तुर्किए के नूरदागी शहर में एक 6 साल की बच्ची को रेस्क्यू किया है.

  8. 874000 लोगों को तत्काल चाहिए भोजन
    भूकंप पीड़ितों के लिए संयुक्त राष्ट्र की ओर से आवाह्न किया गया कि पूरे तुर्किए और सीरिया में अब 874,000 लोगों को ताजा भोजन की तत्काल आवश्यकता है.

  9. राष्ट्रपति एर्दोगन ने माना- इंतजामों में देरी हुई
    तुर्किए के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने शुक्रवार को पहली बार यह स्वीकार किया कि उनकी सरकार "जितनी जल्दी हम चाहते थे" पीड़ितों तक पहुंचने और उनकी मदद करने में सक्षम नहीं रही.

  10. कुर्द उग्रवादियों का संघर्ष रुका


तुर्किए में प्रतिबंधित कुर्द उग्रवादियों ने दक्षिण-पूर्वी तुर्किए और सीरिया के कुछ हिस्सों में आए भीषण भूकंप के मद्देनजर रेस्क्यू कार्य को आसान बनाने के लिए अपनी लड़ाई को अस्थायी रूप से रोकने की घोषणा की. उनके इस फैसले के बाद आपदा के पीड़ितों तक बचावकर्मियों के पहुंचने में आसानी हो रही है. आपदा से पहले तक उग्रवादियों और सरकारी तंत्र के बीच बड़ा टकराव होता था. उग्रवादियों के हमले होते रहते थे.


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