Turkiye-Syria Earthquake Situation: पश्चिमी एशियाई देशों तुर्किए और सीरिया में 6 फरवरी को आए 7.8 तीव्रता वाले भूकंप (Earthquake) ने बड़ी क्षति पहुंचाई. दोनों देशों में मिलाकर 23 हजार से ज्यादा लोगों की जानें गई हैं. इनके अलावा घायलों की तादाद 40 हजार से ज्यादा है. दोनों देशों में अभी काफी लोग जमींदोज हुई इमारतों के मलबे के नीचे दबे हैं, जिन्हें निकालने के लिए पुरजोर तरीके से बचाव-कार्य चल रहा है. इस बीच एबीपी न्यूज की टीम तुर्किए के प्रभावित इलाकों में पहुंची.


एबीपी न्यूज की तस्वीरों को देखकर आप तुर्किए में हुई तबाही का अंदाजा लगा सकते हैं. पीड़ितों की दर्द भरी कहानियां पढ़कर कोई भी गमगीन हो सकता है. आपदा से जो लोग जिंदा बच गए, उनको खाना-पीना नहीं मिल पा रहा, घर नहीं है, बर्फबारी से बचने को अलाव नहीं जला है, ओढ़ने को कंबल नहीं हैं.




एबीपी न्यूज के रिपोर्टर तुर्किए के मरास पहुंचे तो वहां एक परिवार के लोगों ने बताया कि उनके कई पड़ोसी भूकंप की चपेट में आ गए. उनके परिचित भी मलबे में दब गए हैं.


'एक झटके में तबाह हो गया मकान, खो गए परिजन'
हालात ऐसे हो गए हैं कि कई पीड़ितों को खाना-पानी तक नहीं मिल पा रहा. कई लोग जो रेस्क्यू टीमों द्वारा बचाए गए, उन्होंने टेंटों में शरण ली है. तुर्किए की एक महिला ने रोते हुए बताया कि उसका घर भूकंप के एक झटके में तबाह हो गया. वहीं, एक युवक ने टूटे हुए घरों की ओर इशारा कर बताया कि यहां पर 9 लोगों की जानें गई हैं.




तुर्किए में भूकंप का एपिसेंटर गाजियांटेप क्षेत्र था, यहां स्थित बताया शहर में तबाही देखी जा सकती है. भूकंप के तीव्र झटकों से यहां कई 15 मंजिला इमारतें धराशायी हो गईं.




एक ताजा आकलन के मुताबिक, भूकंप से तुर्किए में 5 हजार से ज्यादा इमारतें ध्वस्त हो गईं. इतनी बड़ी संख्या में घर-मकान तबाह होने से हजारों लोग बेघर हो गए हैं.




बेघर लोगों के लिए खुले मैदान और यहां तक कि स्टेडियम में भी शेल्टर बनाए गए हैं. एबीपी न्यूज ने ग्राउंड जीरो से कई तस्वीरें लीं, जिनमें तुर्किए की तबाही और शेल्टर के लिए बनाए गए टेंट दिख रहे हैं.




भूकंप के बाद कई इलाकों में लोगों तक बचावकर्मी या राहत सामग्री नहीं पहुंची थी. खराब मौसम भी बाधा बना हुआ था. हालांकि, जब भारत जैसे कई बड़े देशों ने आपदा-राहत रेस्क्यू टीमें भेजीं तो दुर्गम स्थानों पर भी पीड़ितों तक मदद पहुंचने लगी.




मुस्तफा एहियांसी नाम के एक 20 वर्षीय लड़के ने बताया कि टर्मिनल के एक लाउंज में लगभग 100 लोग कंबल में लिपटे सोए हुए हैं, जहां इससे पहले आमतौर पर तुर्की के राजनेता अपने देश में आने वाली मशहूर हस्तियों का स्वागत करते थे.




तुर्किए के अंटाक्या शहर में राहत सामग्री पहुंचते ही वहां लोगों की भारी भीड़ लग गई. बहुत से पीड़ित खाने-पीने की चीजों का इंतजार कर रहे थे.




कल भारत ने 'ऑपरेशन दोस्त' के तहत छठा विमान तुर्किए भेजा. वह विमान बचावकर्मियों, जरूरी दवाइयों और मेडिकल इक्विपमेंट, डॉग स्क्वॉड के साथ रवाना किया गया था.



यह भी पढ़ें: बदहाल पाकिस्तान तुर्किए में मदद को देगा 10 अरब रुपये! जानें PM शहबाज शरीफ ने क्या कुछ कहा?