Russian Women Learn Shooting: रूस (Russia) और यूक्रेन (Ukraine) के हो रहे युद्ध के बीच रूसी महिलाओं का एक ग्रुप बंदूक चलाने की ट्रेनिंग ले रहा है. ग्रुप का नाम सोवियत-डिज़ाइन क्लाश्निकोव है. ग्रुप के सारी महिलाएं राइफलों के साथ अलग-अलग फायरिंग पोजीशन का ड्रिल करती है. वो बिलकुल आर्मी की तरह ट्रेनिंग ले रही हैं. वो फायरिंग के दौरान पहले अपने घुटनों और फिर अपने पेट के बल पर बैठ कर निशाना साधती हैं.


सोवियत-डिज़ाइन क्लाश्निकोव ग्रुप रूसी शहर के येकातेरिनबर्ग में मौजूद है. ये शहर उरल पर्वत के पास है. महिलाओं, जिस जिम में ट्रेनिंग ले रही हैं, वो यूक्रेन से हो रहे युद्ध के फ्रंटलाइन से लगभग 2,000 किमी (1,200 मील) दूर है, लेकिन दोनेत्स्क के पूर्वी क्षेत्र में साल भर से चल रहे संघर्ष ने रूस में नए सैन्यवादी जोश को भर दिया है.


रक्षा करना सीखना चाहिए


महिला समूह कार्यकर्ता और संस्थापक ओल्गा स्मेटनिना ने एएफपी को बताया कि हमने सोचा कि अगर कुछ होता है, कोई हमला या किसी तरह का खतरा हो, तो हमें अपनी और अपने प्रियजनों की रक्षा करना सीखना चाहिए. मैं रूस से बहुत प्यार करता हूं. वहीं एक 36 साल की महिला, जो दो बच्चों की मां है, उसने कहा, मुझे रूसी हस्तक्षेप के प्रतीक Z अक्षर से सजी एक टोपी पहनने में अच्छा लगता है.


द वीमेंस गार्ड ऑफ द उराल से प्रेरित


संस्थापक ओल्गा स्मेटनिना कहा कि ये सिलसिला सितंबर में स्मेटनिना और अन्य कार्यकर्ताओं की ओर से शुरू की गई "द वीमेंस गार्ड ऑफ द उराल" नामक एक पहल का हिस्सा है, जब क्रेमलिन ने सैकड़ों हजारों पुरुषों की मोबिलिटी की घोषणा की थी. यूक्रेन के बारे में उसकी खुद की बयानबाजी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के समान ही है, जो कहते हैं कि कीव और उसके पश्चिमी सहयोगी नाजी सहानुभूति रखने वाले हैं जो रूसियों के लिए खतरा पैदा कर रहे हैं. हाल ही में हमारे रूस के खिलाफ, हमारे प्यारे देश के खिलाफ अन्य देशों से इतनी आक्रामकता हुई है.


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