China Warned Taiwan Voters: चीन ने ताइवान में हो रहे राष्ट्रपति चुनाव से पहले  वहां के मतदाताओं को "सही विकल्प" चुनने की चेतावनी दी है. चीन लंबे समय से ताइवान को अपना हिस्सा बताता रहा है और अपना दावा करता रहा है. चीन ने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार विलियम लाई की जीत चीन-ताइवान के आपसी संबंधों के लिए खतरा पैदा करेगी.


दरअसल ताइवान के चुनाव में उम्मीदवारों को लेकर एक अलग होड़ मची हुई है. कई उम्मीदवार हैं जो चीनपरस्त माने जाते हैं, यानी उनकी जीत के बाद चीन का लिए रास्ते आसान हो जाएंगे. इस वजह से चीन कभी उन उम्मीदवारों को सत्ता में नहीं देखना चाहेगा जो उसका विरोध करते हैं. चीन इस इलाके में अमेरिकी प्रभाव से काफी परेशान है. एशिया में वर्चस्व को लेकर अमेरिका और चीन खींचतान हमेशा रहती हैं, लेकिन इस बार ताइवान एक अहम मुद्दा भी है.


ताइवान के लोग क्या चाहते हैं?


ताइवान के ज्यादातर लोग खुद को चीन के मेनलैंड से अलग मानते हैं. कई ताइवानी खुद को एक अलग देश का हिस्सा मानते हैं. हालांकि ज्यादातर लोग हालात को जस के तस बनाए रखने के पक्षधर हैं, जहाँ ताइवान न तो चीन से स्वतंत्रता की घोषणा करता है और न ही उसके साथ एकजुट होता है, लेकिन चीन की सरकार का कहना है कि यह एक अलग प्रांत है जो अंततः देश का हिस्सा होगा. चीन धमकी देने में भी बाज नहीं आता है. उसने कहा है कि ताइवान को हासिल करने के लिए ताकत के इस्तेमाल को इनकार नहीं किया जा सकता है.


अमेरिका की दखल?


अमेरिका ने एलान किया था कि ताइवान चुनाव में अनौपचारिक प्रतिनिधिमंडल भेजेगा. इसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने अमेरिका को आगाह करते हुए कहा,  अमेरिकी सरकार को "चुनावों में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए,ताकि अमेरिका-चीन संबंधों को गंभीर नुकसान से बचाया जा सके.


ये भी पढ़ें:


India-Algeria Conflict: मालदीव से तनाव के बीच भारत के किस फैसले से नाराज हो गया अल्जीरिया, भारतीय कंपनियों को दिया अरबों डॉलर का झटका