Algeria To Indian Company:  भारत और मालदीव के रिश्ते तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं. हालांकि, इसी बीच भारत के राजनयिक फैसले की वजह से अल्जीरिया में मौजूद कुछ भारतीय कंपनी को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल, अफ्रीकी देश ब्रिक्स में शामिल होने से चूक गया. इसके बाद से सारा विवाद शुरू हुआ. साल 2022 में अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देल माजिद तेब्बौने की कोशिश थी कि वो ब्रिक्स देश का हिस्सा बने. अल्जीरिया का मकसद था कि वो रूस और चीन के खुद के आर्थिक संबंध मजबूत बनाए, लेकिन फ्रांस के कहने पर भारत ने अल्जीरिया को ब्रिक्स देश का हिस्सा नहीं बने दिया. इसके बदले में इथोपिया जैसा कमजोर देश ब्रिक्स का हिस्सा बन गया.


ब्रिक्स से जुड़े विवाद की वजह से अल्जीरिया में भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) को करारा झटका मिला है. मिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) का अल्जीरियाई सरकारी कंपनी सोनाट्रैक के साथ 1.5 अरब डॉलर की गैस के लिए बिडिंग कर रही थी. लार्सन एंड टुब्रो इस बिडिंग को जीतने के कगार पर थी, लेकिन ऐन मौके पर L&T का टेंडर रद्द कर दिया गया. हालांकि, इसके बाद भारत नैचुरल गैस की सप्लाई के लिए अल्जीरिया के साथ बातचीत में लगा हुआ है.


ब्रिक्स संगठन में शामिल होने की इच्छा


साल 2022 में ब्रिक्स संगठन के विस्तार को लेकर बातचीत चल रही थी. उसी वक्त अल्जीरियाई राष्ट्रपति अब्देल माजिद तेब्बौने ने इच्छा जाहिर की थी वो भी ब्रिक्स संगठन में शामिल होना चाहते हैं. हालांकि, फ्रांस के साथ संबंध न ठीक होने की स्थिति में अल्जीरिया को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया. इसको लेकर अल्जीरिया भारत को भी जिम्मेदार मानता है, क्योंकि उन्हें लगता है कि भारत को भी इसमें बड़ा हाथ है. वो भी नहीं चाहता कि चीन के साथ मिलकर कोई दूसरा अफ्रीकी देश काम करें, जिसे चीन की स्थिति अफ्रीकी देश में और मजबूत हो जाए.


ये भी पढ़ें:


Cold Weather in Pakistan: पाक‍िस्‍तान में भीषण ठंड से 36 बच्‍चों की मौत, स्‍कूलों में बंद की 'मॉर्न‍िंग असेंबली'