Environment News: समुद्र में आपने बड़े-बड़े जहाजों को चलते हुए देखा होगा. क्या आपको मालूम है कि इन बड़े जहाजों को चलाने के लिए किस फ्यूल का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, बड़े जहाजों को चलाने के लिए डीजल का इस्तेमाल होता है. हालांकि, जल्द ही समुद्र में सोलर एनर्जी से चलने वाले पानी के जहाज दिखाई देने वाले हैं. इसके लिए नॉर्वे में काम चल रहा है. 


दरअसल, एडवेंचर क्रूज कंपनी हर्टिग्रुटेन नॉर्वे ने इलेक्ट्रिक क्रूज जहाज लॉन्च करने का प्लान बनाया है. इस जहाज में बड़े-बड़े सोलर पैनल लगाए जाएंगे, जिनसे पैदा होने वाली एनर्जी को एक बैटरी में स्टोर किया जाएगा. इस सोलर एनर्जी के जरिए ही जहाज को चलाया जाएगा. हर्टिग्रुटेन नॉर्वे का कहना है कि वह 2030 तक सोलर एनर्जी से चलने वाले जहाज को लॉन्च करने का प्लान बना रहा है. 


'सी जीरो' प्रोजेक्ट के तहत हो रहा काम


हर्टिग्रुटेन नॉर्वे के बेड़े में अभी आठ क्रूज जहाज शामिल हैं. हर एक जहाज की क्षमता 500 यात्रियों की है. कंपनी की सर्विस राजधानी ओस्लो से लेकर आर्टिक सर्किल तक है. सोलर एनर्जी से जहाज चलाने के प्रोजेक्ट का नाम 'सी जीरो' है. हर्टिग्रुटेन नॉर्वे, 12 अन्य कंपनियों और नॉर्वे के रिसर्च इंस्टीट्यूट SINTEF मिलकर इस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. उनका मकसद समुद्री सफर को पर्यावरण अनुकूल बनाना है. 


कैसे काम करेगा जहाज? 


सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, जहाज को चलाने के लिए 60 मेगावाट वाली बैटरी का इस्तेमाल किया जाएगा. इन बैटरियों को पहले स्वच्छ ऊर्जा के जरिए चार्ज किया जाएगा. बता दें कि नॉर्वे की 98 फीसदी बिजली रिन्यूएबल है, यानी कि इसे पानी, हवा या सौर ऊर्जा के जरिए तैयार किया जाता है. हर्टिग्रुटेन नॉर्वे के मरीन ऑपरेशन देखने वाले एसवीपी गेरी लार्सन-फेडे ने सोलर एनर्जी वाले जहाज का आइडिया दिया था. 


गेरी लार्सन-फेडे ने बताया कि फुल चार्ज हुई बैटरियों के जरिए 300 से 350 नॉटिकल माइल्स का सफर किया जा सकेगा. इसका मतलब हुआ कि 11 दिनों की यात्रा के दौरान जहाज को लगभग सात या आठ बार चार्ज करने की जरूरत पड़ेगी. हालांकि, प्लान के तहत बैटरियों पर से निर्भरता कम करने के लिए सोलर एनर्जी का इस्तेमाल करने का प्लान किया गया है. 


जहाज में तीन बड़े-बड़े पाल या कहें पंख लगे होंगे, जिनकी लंबाई 50 मीटर तक होगी. इन्हें जब चाहें और जैसे चाहें एडजस्ट किया जाएगा. इन पंखों के ऊपर 1500 स्क्वायर मीटर वाले सोलर पैनल लगे होंगे, जो बैटरियों को चार्ज करने के लिए सूरज की रोशनी का इस्तेमाल करेंगे. जहाज में बैठे यात्री और क्रू मेंबर्स ये भी देख पाएंगे कि बैटरी कितनी फीसदी तक चार्ज हो चुकी है. 


कितने लोग जहाज में सफर कर पाएंगे?


सोलर एनर्जी से चलने वाले इस जहाज में 270 केबिन होंगे, जिसमें 500 यात्रियों और 99 क्रू मेंबर्स को ठहराया जा सकता है. जहाज का डिजाइन इस तरह का होगा कि इसे चलाने के लिए कम से कम एनर्जी का इस्तेमाल किया जाए. जहाज पर यात्रियों को पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में भी बताया जाएगा. मोबाइल एप पर वे ये देख पाएंगे कि अभी तक उन्होंने जहाज पर कितना पानी और एनर्जी खर्च किया है. 


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