Shinzo Abe Role In Quad: जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे (Shinzo Abe) अब हमारे बीच नहीं हैं. उनकी हत्या से पूरी दुनिया अचंभित है. शिंजो आबे को जापान के सबसे लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री रहने का गौरव प्राप्त हुआ था. उन्हें क्वाड (Quad) का वास्तुकार माना जाता है. शिंजो आबे हमेशा चीन (China) की आंखों में खटकते रहते थे. शिंजो आबे ही वो नेता थे जिनकी पहल से चार देश एकजुट हुए थे और क्वाड का गठन हुआ था. 


जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे की शुक्रवार को उस वक्त हत्या कर दी गई थी, जब वो नारा शहर में एक चुनावी कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे थे. गोली लगने के बाद उन्हें अस्पताल पहुंचाया गया, लेकिन डॉक्टर्स उन्हें नहीं बचा सके.


Quad के वास्तुकार थे शिंजो आबे!


जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे की पहल का नतीजा था कि अमेरिका, भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया एकजुट हुए थे. चार शक्तियों की दोस्ती ने इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में चुनौतियों से निपटने के लिए क्वाड की स्थापना की थी. क्वाड की स्थापना 2007 में ही हुई थी, लेकिन काफी वक्त यानी 2017 तक ये संगठन बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं रहा. शिंजो आबे के प्रयास से क्वाड को फिर से सक्रिय करने का फैसला लिया गया था.


चार शक्तियों की दोस्ती से क्यों तिलमिला गया था चीन?


साल 2007 में गठन के बाद क्वाड अगले 10 सालों तक निष्क्रिय रहा था. साल 2017 में जब इस संगठन को फिर तैयार किया गया तब इसका मकसद चीन के बढ़ते प्रभाव को काउंटर करना था. चीन की विस्तारवादी नीति और उसकी हर गतिविधियों पर नजर रखने के लिए क्वाड देशों ने कई रणनीतियों पर काम किया. जब कभी भी क्वाड देशों देशों की सेनाएं अभ्यास करती हैं या फिर ऐसी रणनीतिक बैठक करती हैं तो चीन बौखला जाता है. साल 2021 में क्वाड में शामिल देशों की नौसेना ने अरब सागर में एक्सरसाइज किया था. क्वाड देशों की रणनीति देख चीन की चिंता बढ़ गई थी


क्या है क्वाड?


क्वाड (Quad) की स्थापना साल 2007 में हुई थी. क्वाड यानी क्वाड्रीलैटरल सिक्योरिटी डायलॉग (Quadrilateral Security Dialogue). इसमें चार देश अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत शामिल हैं. ये अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच एक बहुपक्षीय समझौता है. क्वाड के सदस्य चारों देश ये मानते हैं कि इंडो-पैसिफिक क्षेत्र (Indo Pacific Region) को खुला और स्वतंत्र होना चाहिए. व्यापार के अलावा सैन्य बेस को मजबूती पर भी इन शक्तियों का ध्यान है.


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