Salman Rushdie: अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस ने लेखक सलमान रुश्दी पर हमले पर दुख व्यक्त किया. हैरिस ने कहा, "लोगों को बिना किसी डर के विचारों को साझा करने में सक्षम होना चाहिए और हिंसा और नफरत की समाज में कोई जगह नहीं है." कमला हैरिस के साथ में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन सहित कई विश्व के कई बड़े नेताओं ने इस घटना की निंदा की.
समाज में नफरत के लिए कोई जगह नहीं- हैरिससलमान रुश्दी को अपनी किताब 'द सैटेनिक वर्सेज' को लेकर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही थीं, इस बीच रुश्दी को शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान मंच पर चाकू मार दिया गया था. कमला हैरिस ने ट्वीट करते हुए कहा, "इस सप्ताह लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले से डौग (हैरिस के पति) और मैं स्तब्ध थे. लोगों को बिना किसी डर के विचारों को साझा करने में सक्षम होना चाहिए, जो किसी भी स्वतंत्र और खुले समाज का आधार होता है. समाज में हिंसा और नफरत के लिए कोई जगह नहीं है."
मदद करने वालों की तारीफवहीं राष्ट्रपति जो बाइडेन ने सलमान रुश्दी पर कायराना हमले पर दुख व्यक्त किया. सलमान रुश्दी पर हमले के दौरान जो लोग उनकी मदद करने के लिए आए थे, उनकी तारीफ करते हुए जो बाइडेन ने कहा, "मैं उन बहादुर लोगों का आभारी हूं जो लेखक की मदद करने के लिए तुरंत आए." सलमान रुश्दी की प्रशंसा करते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि लेखक के पास मानवता में एक गहरी पैठ है. उनके पास कहानी कहने के लिए एक बेजोड़ भावना है, और उन्होंने डराने या चुप रहने से इनकार कर दिया.
1989 में रुश्दी पर फतवा जारीवहीं रविवार को, सलमान रुश्दी को वेंटिलेटर से हटा दिया गया, वो अब वह बात कर रहे हैं. बता दें कि सलमान रुश्दी भारत में जन्मे ब्रिटिश-अमेरिकी लेखक और कई साहित्यिक पुरस्कारों के विजेता हैं. गौरतलब है कि ईरान के दिवंगत नेता अयातुल्ला रुहल्ला खमेनी ने रुश्दी की किताब ‘द सैटनिक वर्सेज’ के लिए उनकी मौत का आह्वान करते हुए 1989 में एक फतवा जारी किया था, जिसके बाद रुश्दी वर्षों तक पुलिस सुरक्षा में रहे.