Russia-Bangladesh Ship Issue: बांग्लादेश ने मोंगला पोर्ट पर रूस के जहाज को ठहरने की इजाजत नहीं दी थी. इसके बाद रूस की सरकार ने बांग्लादेश के राजदूत को समन भेजा है और बुलाकर नाराजगी जाहिर की. इसके बाद बांग्लादेश की विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि रूस बांग्लादेश का आजमाया हुआ देश है और उन्हें ये नहीं लगता कि रूस के जहाज को मोंगला पोर्ट पर प्रवेश न करने देने का दोनों देशों के रिश्तों पर कोई असर पड़ेगा. 


हालांकि, रूस और बांग्लादेश के रिश्ते हमेशा से अच्छे रहे है. इसके बावजूद बांग्लादेश के हाल के फैसले से सवाल उठ रहा है कि इसका असर दोनों के संबंधों पर कैसा पड़ेगा. वैसे भी पाकिस्तान से साल 1971 में अलग  होकर देश बनने वाला बांग्लादेश इस वक्त आर्थिक तंगी से जूझ रहा है.


उसरा मेजर जहाज को रोकने से मना किया
पिछले साल नवंबर में रूस का एक उसरा मेजर नाम के जहाज को बांग्लादेश के बंदरगाह पर रोकने से मना कर दिया गया था. यूक्रेन पर रूस के तरफ से हमला किए जाने के बाद अमेरिका ने 69 जहाजों को लेकर पाबंदी जारी की थी. इसमें उसरा मेजर भी शामिल था.


उसरा मेजर जहाज बांग्लादेश के रूपपुर न्यूक्लियर इलेक्ट्रिक सेंटर के लिए मशीनों को लेकर रूस से निकला था. बांग्लादेश में जहाज को रोकने से मना करने के बाद, वो भारत के हल्दिया पोर्ट पहुंचा और सारे सामान को अनलोड कर दिया. उस वक्त भारत ने कहा था कि वो यूएन के बैन के अलावा किसी दूसरे देश के बैन को नहीं मानता है.


अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा
बांग्लादेश के राजदूत को तलब करने से पहले, रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जखारोवा ने मास्को में मीडिया को बताया कि बांग्लादेश ने अमेरिकी माध्यमिक प्रतिबंधों के खतरे के तहत रूसी जहाज पर प्रतिबंध लगा दिया. रूस की TASS समाचार एजेंसी ने उन्हें यह कहते हुए बताया कि हम जानते हैं कि यह गलत कदम काउंटी के अधिकारियों के तरफ से उठाया गया था न की अपने पहल पर. यह अमेरिका के द्वितीयक प्रतिबंधों की धमकी के तहत बनाया गया था.  ढाका ने जनवरी में, मास्को को सूचित किया कि वे परमिशन वाले जहाजों को छोड़कर बांग्लादेश के बंदरगाहों पर कोई भी जहाज भेज सकते हैं.


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