Russia Ukraine Conflict: 24 फरवरी को रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध को एक साल पूरा हो जाएगा. एक साल बाद भी यह युद्ध खत्म होता नहीं दिख रहा है. रूस जहां पीछे हटने को तैयार नहीं है वहीं यूक्रेन अमेरिका व पश्चिमी देशों की मदद से रूसी सेना को चुनौती दे रहा है. दोनों देशों को जान और माल का भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है.


पर इन सबके बीच एक बड़ा सवाल ये है कि आखिर ऐसी क्या बात है कि एक साल के संघर्ष के बाद भी रूस पीछे हटने को तैयार नहीं है. वहीं अमेरिका, ब्रिटेन और अन्य देश क्यों इतने लंबे समय बाद भी यूक्रेन की मदद करना नहीं छोड़ रहे हैं. इन दोनों सवालों का जवाब एक ही है और वो है टाइटेनियम. जी हां, यूक्रेन में टाइटेनियम का विशाल खजाना है. इस खजाने पर सभी की नजर है. 


यूक्रेन जीता तो इस तरह अमेरिका बनेगा सुपर पावर


टाइटेनियम एक ऐसा मैटेरियल है जिसका इस्तेमाल सबसे एडवांस्ड मिलिट्री टेक्नोलॉजी जैसे फाइटर जेट्स, हेलीकॉप्टर्स, नौसेना के जहाज, टैंक, लंबी दूरी की मिसाइलें और बाकी हथियारों को बनाने में होता है. यूक्रेन वो देश है जहां इसकी सबसे ज्यादा मात्रा उपलब्ध है. इस खजाने पर अमेरिका की काफी लंबे समय से नजर है. अगर यह खजाना अमेरिका को मिल जाए तो वह रूस और चीन से काफी आगे निकल जाएगा. यही वजह है कि अमेरिका यूक्रेन को सपोर्ट कर रहा है, क्योंकि उसकी जीत के बाद वह आसानी से यूक्रेन से इस खजाने को ले सकेगा. वहीं रूस भी इस खजाने को किसी कीमत पर नहीं जाने देना चाहता. अगर उसे यह मिलता है तो वह दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश बन सकता है.


चीन करता है सबसे ज्यातदा उत्पादन


यूक्रेन की गिनती दुनिया के उन सात देशों में होती है जहां टाइटेनियम के टुकड़ों का भंडार है. इसके अलावा चीन और रूस में भी टाइटेनियम की अच्छी खासी मात्रा है. वहीं दूसरी तरफ अमेरिका के पास राष्ट्रीयय रक्षा भंडार में अब टाइटेनियम नहीं है. इससे अलग उसके सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी चीन ने 2022 में 231,000 टन टाइटेनियम का उत्पाीदन किया था. यह दुनिया के कुल उत्पाउदन का 57 फीसदी है. चीन के बाद जापान ने 17 फीसदी उत्पादन किया. इसके बाद रूस 13 फीसदी के साथ तीसरे नंबर पर मौजूद है. 


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