Russia-Ukraine War: रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाले केर्च पुल में लगी आग भले ही बुझ गई, लेकिन इस हमले से उठी आग की लपटें अब भी यूक्रेन को बर्बाद कर रही हैं. सवाल खड़ा होता है कि आखिर इस पुल में ऐसा क्या था कि रूस ने रौद्र रूप धारण कर यूक्रेन को बर्बाद करने की ठान ली. रूस को क्रीमिया से जोड़ने वाला यह इकलौता ब्रिज रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का ड्रीम प्रोजेक्ट माना जाता है.
इतना ही नहीं इस ब्रिज से रूस के 3.7 अरब डॉलर बर्बाद हुए हैं. साथ ही रूसी सेना की सप्लाई लाइन भी कट गई है. इस क्रीमिया ब्रिज को रूस की आर्थिक गतिविधियों का एक अहम धमनी (artery) कहा जाता है और इस धमाके से हुए नुकसान को अब रूस झेल नहीं पा रहा है. साथ ही अब पुतिन के लिए यह वर्चस्व की लड़ाई बनती जा रही है. रूस के लिए क्रीमिया ब्रिज की अहमियत
यह पुल रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए इसलिए भी खास था क्योंकि उन्होंने 2018 में एक ट्रक चलाकर इसे बड़ी धूमधाम से सड़क यातायात के लिए खोला था. केर्च पर 19-किमी (12-मील) क्रीमिया ब्रिज रूस के परिवहन नेटवर्क के बीच एकमात्र सीधा लिंक है, जिसे मास्को ने 2014 में यूक्रेन से अलग कर लिया था.
इस ब्रिज का निर्माण 3.6 बिलियन डॉलर की लागत से किया गया था, जो कि पुतिन के करीबी सहयोगी और पूर्व जूडो पार्टनर अर्कडी रोटेनबर्ग की एक फर्म ने बनाया था. क्रीमिया को ईंधन, भोजन और अन्य उत्पादों की आपूर्ति के लिए इस्तेमाल होता था. 24 फरवरी को मास्को ने जब यूक्रेन पर आक्रमण किया था उसके बाद से यह रूसी सेनाओं के लिए एक प्रमुख आपूर्ति मार्ग बन गया था.
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