Russia-Ukraine Crisis: रूस और यूक्रेन के 24 फरवरी को शुरू हुई जंग अब तेज होती जा रही है. इस बीच खेरसॉन (Kherson) में तैनात रूसी अधिकारी ने नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने के निर्देश जारी किए हैं. मॉस्को (Moscow) की ओर से नियुक्त अधिकारी किरिल स्ट्रेमोसोव का एक रिकॉर्डेड वीडियो गुरुवार (3 नवंबर) को टेलीग्राम (Telegram) पर साझा किया गया था, जिसमें सड़कों और सुपरमार्केट में लोगों को दिखाया गया था. 


इस वीडियो संदेश में स्ट्रेमोसोव ने कहा कि इन सभी लोगों को, जिन्होंने सुरक्षा और गोलीबारी के संबंध में हमारे सभी अनुरोधों को नजरअंदाज किया है उनको एक बार फिर याद दिलाना चाहता हूं कि हालात वास्तव में आसान नहीं हैं. उन्होंने रूसी स्टेट टेलीविजन को यह भी बताया कि सभी यूक्रेनी हमलों को रद्द कर दिया गया है. यूक्रेन के जवाबी हमले के बाद खेरसॉन शहर से हजारों नागरिकों को सुरक्षित निकाल लिया गया है. 


रूसी अधिकारियों ने हटाया झंडा


स्थानीय सरकार के हटने के एक हफ्ते बाद गुरुवार (3 नवंबर) को रूसी अधिकारियों ने खेरसॉन प्रशासन भवन से अपने देश का झंडा हटा दिया है. यूक्रेन के दक्षिणी सैन्य प्रवक्ता नतालिया हुमेनियुक ने कहा कि झंडे को हटाना उकसावे वाला हो सकता है और हमें खुशी मनाने की जल्दी नहीं करनी चाहिए. उसने यूक्रेनी टेलीविजन को यह भी बताया कि कुछ रूसी सैनिक (Russian soldiers) खुद को नागरिकों के रूप में स्थापित कर रहे हैं. किसी भी पक्ष के दावों की स्वतंत्र रूप से पुष्टि नहीं हो सकी है.


पहले भी दिए जा चुके निर्देश


इससे पहले भी 22 अक्टूबर को रूसी अधिकारियों ने खेरसॉन में रहने वाले नागरिकों को तुरंत शहर छोड़ने के निर्देश जारी किए थे. दरअसल, रूसी अधिकारियों को इस बात की आशंका थी कि यूक्रेनी सेना शहर पर कब्जे करने की कार्रवाई के दौरान आम लोगों को निशाना बना सकती है. उस समय भी आम लोगों को तत्काल प्रभाव से शहर छोड़ने को लिए कहा गया था. 


गौरतलब है कि हाल ही में रूस ने दावा किया था कि उसने यूक्रेन के चार क्षेत्रों डोनेत्स्क, खेरसॉन, लुहांस्क और जेपोरीजिया में जनमत संग्रह कराया है और यहां के नागरिक रूस में मिलना चाहते हैं. यूक्रेनी हमले की आशंका को देखते हुए रूसी अधिकारियों ने खेरसॉन के नागरिकों से इसे खाली करने को कहा था. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो खेरसॉन के लोग अपना घर छोड़कर कही नहीं जाना चाहते हैं, लेकिन रूसी अधिकारी उन्हें कानून का हवाला देकर जबरदस्ती घर छोड़ने के लिए मजबूर कर रहे हैं.


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