Russia Ukraine Conflict: यूक्रेन के बूचा में हुए नरसंहार को लेकर पूरी दुनिया में रूस की आलोचना हो रही है. अमेरिका और उसके सहयोगी देश रूस पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. इन सबके बीच रूस ने इसे नरसंहार न मानते हुए इसे शांति वार्ता को प्रभावित करने की चाल बताया था. रूस के विदेश मंत्री ने अचानक बूचा की तस्वीरों के सामने आने पर सवाल उठाया था और सीधे-सीधे इसे शांति वार्ता को प्रभावित करने वाला बताया था, लेकिन अब एक मीडिया रिपोर्ट में बूचा की जो हकीकत बताई गई है वो दिल दहलाने वाली है. रिपोर्टर ने जो हकीकत बताई है उससे किसी का दिल भी पसीज उठेगा.


पुलिस वाले ने किया आगाह


रिपोर्टर ने पड़ताल के दौरान पाया कि एक लाश है रेल ट्रैक के पास स्क्रब में पड़ी है. उसके पैर के पास रस्सी है. उसके माथे पर जले हुए छेद का निशान है जो गोली लगने से बना है. लाश पत्तों से घिरी हुई है. कुछ आगे जाने पर एक और लाश अंडरग्राउंड में यूं ही पड़ी हुई है. इस बीच एक पुलिस वाला वहां आता है और नाम उजागर न करने की शर्त पर लाश की ओर इशारा करते हुए कहता है कि उसे छूना मत. इसका खनन किया जा सकता है.


 


कई लाशें बेतरतीब तरीके से दफनाईं


बता दें कि रूसी सेना ने कीव के उत्तर-पश्चिम में 37 किमी दूर बूका पर 24 फरवरी के आक्रमण के बाद कब्जा कर लिया था. यहां रूसी सेना 1 महीने से अधिक समय तक रही. पिछले हफ्ते जब रूसी सेना यहां से हटी तो उसने बूका की शहरों पर, इमारतों में केवल लाशें ही छोड़ीं. कुछ लाशों को अमानवीय तरीके से दफन भी कर दिया. स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि अकेले बूका में रूसी सेना द्वारा 300 से अधिक लोगों को मारा गया है.




मिलीं ऐसी 5 लाशें


रिपोर्टर को अपनी विजिट के दौरान ही ऐसी पांच लाशें मिलीं जिन्हें बांधकर गोली मारकर मौत के घाट उतारा गया था. इनके हाथ पीछे बंधे थे, जबकि गोली बीच सिर में मारी गई थी. कुछ आगे चलकर रिपोर्टर को कब्रिस्तान से 100 मीटर आगे एक और लाश मिली. उसके जिस्म पर नीली जींस और ब्लैक जैकेट थी. इसके अलावा रिपोर्टर को कस्बे में कई घरों की दीवारों पर गोलीबारी के सूबत भी मिले, जिन्हें काले रंग से पोतकर मिटाने की कोशिश की गई है.


रूस नकार रहा इन आरोपों को


बता दें कि यूक्रेन सरकार ने रूस पर नरसंहार का आरोप लगाया है. वहीं क्रेमलिन ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि रूसी सेना कभी भी आम नागरिकों को टारगेट नहीं करती है. रूस के संयुक्त राष्ट्र के राजदूत वसीली नेबेंजिया ने मंगलवार को सुरक्षा परिषद को बताया कि दुर्व्यवहार के आरोप झूठ थे. उन्होंने कहा कि जब बुका रूसी नियंत्रण में था तो एक भी नागरिक के साथ हिंसा नहीं की गई थी.


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