मॉस्को और कीव के बीच बढ़ते तनाव के दौरान यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने रविवार (स्थानीय समय) को G7 विदेश मंत्रियों के साथ बैठक की और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा शुरू किए गए युद्ध को रोकने के लिए नए "दर्दनाक प्रतिबंधों" को लेकर चर्चा की. इसके बाद दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट में लिखा, "G7 विदेश मंत्रियों के साथ बैठक. भागीदार यूक्रेन को अपना बचाव करने के लिए और अधिक व्यावहारिक साधन उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं. यूक्रेन के लिए रक्षात्मक हथियार, सैन्य उपकरण और वित्तीय सहायता जारी है. हमने पुतिन के युद्ध को रोकने के लिए नए दर्दनाक प्रतिबंधों पर भी चर्चा की."


कुलेबा ने रूसी तेल और गैस के लिए पूर्ण प्रतिबंध पर भी जोर दिया और कहा कि अब उन्हें खरीदने का मतलब "यूक्रेनी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए भुगतान करना" है. कुलेबा ने ट्वीट किया, "हम रूसी तेल और गैस पर पूर्ण प्रतिबंध पर जोर देते हैं. अब उन्हें खरीदने का मतलब यूक्रेनी पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या के लिए भुगतान करना है. मैं इस संबंध में कई यूरोपीय देशों द्वारा पहले निर्णायक कदमों का स्वागत करता हूं और दूसरों से दृढ़ता और बिना देरी के आगे बढ़ने का आग्रह करता हूं." उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन में अब जो हो रहा है वह "वास्तविक लोगों का युद्ध" है.


कुलेबा ने ट्वीट किया, "यूक्रेन में अब जो हो रहा है, वह वास्तविक जनयुद्ध है. हम झुकेंगे नहीं. हम रुकेंगे या थकेंगे नहीं. जब तक हमें अपनी जमीन और अपने लोगों की रक्षा करने की जरूरत है, हम इसका जमकर मुकाबला करने के लिए प्रतिबद्ध हैं." वहीं, दूसरे ओर खबरें यह भी हैं कि रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के न्यूक्लियर डिटेरेंस फोर्सेज को हाई अलर्ट पर रखने का आदेश दिया है. इससे दुनियाभर में चिंता बढ़ गई है.


इसे लेकर अमेरिका ने UN में सवाल भी उठाया है. यूक्रेन पर UNSC की बैठक में अमेरिकी प्रतिनिधि ने कहा, "रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने रूस के परमाणु बलों को हाई अलर्ट पर रखा है. वे ऐसा तब कर रहे हैं जब वह बिना परमाणु हथियार वाले देश पर हमला कर रहे हैं और नाटो से कोई खतरा नहीं है."


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