Russia-Ukraine War: रूस ने संकेत दिया है कि वह यूक्रेन को यूरोप के सबसे बड़े परमाणु प्लांट से अलग करना चाहता है. रूस का कहना है कि कीव द्वारा मास्को को बिजली का भुगतान करने के बाद ही प्लांट के इस्तेमाल की इजाजत मिल सकती है. बता दें 24 फरवरी को यूक्रेन में रूसी सैन्य अभियान शुरू होने के बाद रूसी सैनिकों ने ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा प्लांट पर कब्जा कर लिया था.


रूसी समाचार एजेंसियों ने बुधवार को सूचना दी कि रूसी उप-प्रधानमंत्री मरात खुसनुलिन ने क्षेत्र की एक यात्रा की. इस दौरान डिप्टी पीएम ने कहा, "अगर यूक्रेन की ऊर्जा प्रणाली भुगतान करने के लिए तैयार है, तो (संयंत्र) यूक्रेन के लिए काम करेगा. यदि नहीं, तो (संयंत्र) रूस के लिए काम करेगा." 


इसलिए अहम है रूसी डिप्टी पीएम का यह बयान
रूसी उप-प्रधान मंत्री की टिप्पणी रूसी अधिकारियों द्वारा यह संकेत दिए जाने के बाद आई है कि मॉस्को दक्षिणी यूक्रेन में अपने कब्जे वाले क्षेत्रों में रहने का इरादा रखता है. इन क्षेत्रों में खेरसॉन क्षेत्र और ज़ापोरिज़्ज़िया के बड़े हिस्से शामिल हैं.


खुसनुलिन ने कहा, "हमारे पास परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में काम करने का बहुत अनुभव है, रूस में ऐसी कंपनियां हैं जिनके पास यह अनुभव हैं." उन्होंने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि ज़ापोरिज्जिया प्लांट चालू रहेगा.


रूस के पास तकनीकी क्षमता नहीं
इस बीच यूक्रेन की परमाणु एजेंसी एनरगोटॉम के प्रवक्ता लियोनिद ओलियनिक ने कहा, "रूस के पास ज़ापोरिज्जिया परमाणु ऊर्जा प्लांट से रूस या क्रीमिया को ऊर्जा की आपूर्ति करने की तकनीकी क्षमता नहीं है." उन्होंने कहा, "इसके लिए लागत और समय की जरूरत है... और एक या दो महीने में सब कुछ फिर से यूक्रेन के नियंत्रण में हो जाएगा."


ओलियनिक ने यह भी कहा कि रूस के पास यूक्रेन की बिजली की आपूर्ति में कटौती करने की क्षमता नहीं है, क्योंकि "यूक्रेन सभी संबंधित उपकरणों को नियंत्रित करता है."


2021 में, युद्ध से पहले, यह प्लांट यूक्रेन के वार्षिक बिजली उत्पादन के पांचवें हिस्से और देश के परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में उत्पन्न बिजली का लगभग आधा हिस्सा पैदा करता था. मार्च की शुरुआत में रूसी सैनिकों ने एनरहोदर शहर में स्थित इस प्लांट को कब्जे में ले लिया था.


रूस का इरादा क्षेत्र में रुकने का?
रूसी डिप्टी पीएम खुसनुलिन ने आगे संकेत दिया कि रूस इस क्षेत्र में रुकना चाहता है. उन्होंने कहा, "मैं मानता हूं कि इस क्षेत्र का भविष्य रूसी परिवार के भीतर काम करने में है. इसलिए मैं यहां जितना संभव हो सके एकीकरण में मदद करने के लिए आया हूं."


रूसी अधिकारियों और मास्को द्वारा नियुक्त अधिकारियों ने पिछले हफ्ते कहा था कि यूक्रेन का खेरसॉन क्षेत्र (जो कि क्रीमिया प्रायद्वीप को एक भूमि सेतू उपलब्ध करता है) संभवतः रूस का हिस्सा बन जाएगा.


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