First Women Pilot of Saudi Arabia: सऊदी अरब की रहने वाली रीम फिल्मबन पहली महिला हेलीकॉप्टर पायलट बनीं हैं. इसके साथ ही वह एक और उपलब्धि की मालिक बन गई है, वह यह है कि वह दुनिया के सबसे कम उम्र की पायलट में से एक हैं. 


रीम फिल्मबन ने सऊदी अरब न्यूज़ पोर्टल सबक से बातचीत में कहा, "मैं हमेशा से एक दिन पायलट बनने का सपना देखती थी, उस इच्छा को लेकर मैं हमेशा प्रेरित और उत्साहित रहती थी. रीम ने सऊदी अरब में हाई स्कूल में पढ़ाई करने के बाद पायलट लाइसेंस और एविएशन की पढ़ाई के लिए अमेरिका चली गईं." 


उन्होंने कहा, "मैंने पढ़ाई और ट्रेनिंग में एक साल गुजार दिए. हालांकि पढ़ाई की अवधि अलग-अलग लोगों पर निर्भर करती है. मौसम की भागीदारी भी पढ़ाई और ट्रेनिंग की अवधि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, क्योंकि मौसम सामान्य होता है तभी हम उड़ान भर सकते हैं."


उन्होंने बताया कि इस साल उन्होंने 255 घंटे की उड़ान भरी है. रीम कहती हैं कि महिलाएं भी पुरुषों की ही तरह जहाज उड़ा सकती हैं. 


सऊदी ने महिलाओं को कब-कब क्या क्या अधिकार दिए?


सऊदी अरब महिलाओं को लेकर दुनिया के बाकी देशों के मुकाबले रूढ़ीवादी है, लेकिन हालिया सालों में सऊदी ने महिलाओं के उत्थान को लेकर कई बदलाव किए हैं. साल 2018 में सऊदी अरब में महिलाओं को पहली बार ड्राइव करने की इजाजत दी गई. इससे पहले महिलाओं पर गाड़ी चलाने पर पाबंदी थी. 


राजकुमारी रीमा बिंत बंदार को साल 2019 में सऊदी अरब की पहली महिला राजदूत बनाया गया. वह देश की पहली महिला जिसे विदेश में राजदूत के तौर पर नियुक्त किया गया था, उन्हें अमेरिका में नियुक्त किया गया था. 


उस समय क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने उन्हें अमेरिका का राजदूत नियुक्त किया था. अमल अल-मोआलिमी को साल 2020 में नॉर्वे में राजदूत नियुक्त किया गया. इसके अलावा अप्रैल 2021 में इनास अल-शाहवन ने स्वीडन और आइसलैंड में राजदूत बनीं. 


हाएफ़ा जेदीया को जनवरी 2023 में यूरोपियन यूनियन और यूरोपियन एटमिक एनर्जी कम्युनिटी की जिम्मेदारी दी गई. इसके अलावा भी सऊदी की महिलाओं को टूर गाइड्स, बॉर्डर एजेंट, होस्टपिटैलिटी के साथ-साथ कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में जिम्मेदारी दी गई. 


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