Remains of Missing French Soldiers: प्रथम विश्व युद्ध के दौरान गलीपोली के युद्ध में जान गंवाने वाले फ्रांस के 17 लापता सैनिकों के अवशेषों को रविवार को फ्रांसीसी सेना के अधिकारियों के सुपुर्द कर दिया गया. उन्हें अन्य शहीद सैनिकों के साथ उनकी मौत के एक सदी से भी ज्यादा वक्त बाद दफन कर दिया गया.


तुर्की के उत्तर पश्चिम सनाक्काले प्रायद्वीप पर एक किले और आसपास के इलाके में मरम्मत के काम के दौरान उनके अवशेष मिले थे. इस इलाके में मित्र सेनाओं ने उस्मानी तुर्कों (ओटोमन) के खिलाफ गलीपोली अभियान के दौरान लड़ाई लड़ी थी. वे 25 अप्रैल 1915 से प्रायद्वीप में पहुंचना शुरू हो गए थे.


पहले सिर्फ एक पहचान हुई थी जो कैप्टन पॉल रोमन थे


कर्नल फिलिप बोलोग्ने ने अवशेष सौंपने के कार्यक्रम में सैनिकों को श्रद्धांजलि दी, जिन्होंने इस दूरदराज़ के क्षेत्र में अपने वतन की रखवाली करने के लिए प्राणों की आहुति दे दी. उन्होंने कहा कि ज़ौवेस (लाइट-इन्फैंट्री कोर) और सेनेगल, अल्जीरिया, लेगियोनेयर्स के राइफलमैन, 10 हजार फ्रांसीसी और औपनिवेशिक सैनिकों ने अपने प्राणों का बलिदान दिया था. इन 17 फ्रांसीसी सैनिकों में से पहले सिर्फ एक पहचान हुई थी जो कैप्टन पॉल रोमन थे जिनका ताल्लुक पहली इंजीनियरिंग रेजिमेंट से था.


वहीं, फ्रांस में राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव चल रहा है. ये दो चरणों में होता है. पहला चरण 10 अप्रैल को हुआ था. दूसरे और आखिरी चरण की वोटिंग आज हुई. इसके बाद 25 अप्रैल यानी कल नतीजों की घोषणा हो सकती है. रिजल्ट आने के बाद 13 मई से पहले नए राष्ट्रपति को शपथ दिलाई जाएगी.


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