Quran Burning In Sweden: इस्‍लामिक अनुयायियों के पवित्र ग्रंथ कुरान (Quran) जलाने की घटना ने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया है. यूरोप के एक देश स्‍वीडन (Sweden) में मस्जिद के बाहर कुरान जलाई गई. जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, फुटेज में एक प्रदर्शनकारी कुरान को उछालता, जलाता हुआ और स्वीडन का झंडा लहराता नजर आ रहा है.


चौंकाने वाली बात यह है कि स्वीडन की सरकार ने कुरान जलाने की घटना पर, उस प्रदर्शनकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि सरकार ने अभिव्यक्ति की आजादी के तहत उसे इसकी इजाजत दी. घटना के बाद से सोशल मीडिया पर इस्‍लाम मजहब के अनुयायी विरोध जता रहे हैं. 


'यह जघन्य अपराध, अभिव्यक्ति की आजादी नहीं'
सबसे पहले तुर्किये (तुर्की) के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी किया. तुर्किये के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन में कुरान जलाने की घटना को जघन्य अपराध बताया है. तुर्किये के विदेश मंत्री हकन फिदान ने ट्वीट कर कहा- "अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कोई भी इस्लाम विरोधी प्रदर्शन नहीं कर सकता है. हमें इसे स्वीकार नहीं करेंगे. अगर कोई देश NATO में शामिल होकर हमारा सहयोगी बनना चाहता है तो उसे इस्लामोफोबिया फैला रहे चरमपंथियों को काबू में करना होगा."






मोरक्को ने अपना राजदूत वापस बुलाया
तुर्किये के अलावा मुस्लिम बहुल देश मोरक्को ने भी घटना पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. मोरक्को ने कुरान जलाए जाने की घटना के विरोध में स्वीडन से अपने राजदूत को वापस बुला लिया है. मोरक्को के विदेश मंत्रालय ने स्वीडन के राजनयिक (chargé d’affaires) को भी तलब किया और कहा कि इस तरह की घटनाओं को बर्दाश्‍त नहीं किया जा सकता.




मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने कहा- मुस्लिमों की भावनाएं भड़काईं
घटना पर मुस्लिम वर्ल्ड लीग का बयान आया है. बयान में घटना की कड़ी निंदा की गई. लीग के महासचिव शेख मोहम्मद बिन अब्दुलकरीम अल-ईसान ने कहा कि यह जघन्य कृत्य मुस्लिमों की भावनाओं को भड़काने वाला है. दोषी को तत्‍काल सजा दी जाए. 




स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने की घटना
बता दें कि यह घटना स्वीडन में स्टॉकहोम सेंट्रल मस्जिद के सामने की है, जहां  बुधवार को 37 साल के एक शख्स ने कुरान को फाड़कर उसमें आग लगाई. यह अपराध सैकड़ों लोगों की मौजूदगी में किया, जिनमें से कई लोग कुरान जलाए जाने का समर्थन कर रहे थे. CNN के मुताबिक, अभिव्यक्ति की आजादी के तहत स्‍वीडन की सरकार की ओर से ही एक दिन के प्रदर्शन के लिए ये इजाजत दी गई थी. वहीं, विरोध बढ़ने पर स्वीडन के PM का बयान आया है. उन्‍होंने कहा- इस संबंध में किसी भी कार्रवाई पर पुलिस फैसला लेगी. 


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