यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद पश्चिमी देशों द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की आंच आम आदमी महसूस करने लगा है. देश में भुगतान तंत्र (पेमेंट सिस्टम) अब काम नहीं कर रहा है और नगदी निकासी को लेकर भी लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. स्थानीय निवासी तेत्याना उस्मानोवा ने ‘एसोसिएटेड प्रेस’(एपी) से कहा,‘‘एप्पल पे कल से काम नहीं कर रहा है. अब इससे बस में ,कैफे में कहीं भुगतान नहीं हो पा रहा है’’


उन्होंने कहा,‘‘इसके अलावा एक सुपरमार्केट ने भी प्रति व्यक्ति समान खरीद की मात्रा सीमित कर दी है’’ एप्पल ने घोषणा की है कि वो रूस में अपने आईफोन और अन्य उत्पाद बेचना बंद कर रहा है साथ ही एप्पल पे जैसी सुविधाओं को भी सीमित करेगा. बड़ी संख्या में विदेशी और अंतरराष्ट्रीय कंपनियों ने रूस में अपने कारोबार को बंद कर दिया है. कई लोगों ने ‘एपी’ से बातचीत में बताया कि इन कदमों से उनकी दैनिक जिंदगी पर काफी असर पड़ रहा है. उन्होंने बताया कि देश की मुद्रा रूबल को विदेशी मुद्रा में बदलने में मुश्किलें आ रही हैं. एटीएम के बाहर लंबी लाइनें हैं और कई बैंक के कार्ड को एटीएम नहीं स्वीकार कर रहे हैं अर्थात उनसे निकासी की सुविधा बंद है. 


कुछ लोगों ने बताया कि खाने-पीने के सामानों के दाम भी बढ़ने लगे हैं


विपक्ष की नेता यूलिया गालयेमिना ने बुधवार को फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘‘दाम बढ़ने की समस्या का सामना कर रहे हैं, पेंशन रूकी हुई हैं...’’ उन्होंने लिखा,‘‘दवाइयों और चिकित्सीय साजो सामान की कमी हो रही है. हम 1990 को अब कम खराब वक्त के तौर पर याद करेंगे. लेकिन मेरा प्रश्न है कि ‘‘किस लिए’’? गौरतलब है कि देश में बड़ी संख्या में लोग युद्ध के खिलाफ हैं और इसे रोकने के लिए सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं. मानवाधिकार समूह ‘ओवीडी-इन्फो’ के अनुसार बीते कुछ वक्त में सात हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.


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