Pollution In France Court Ordered Fine: पूरी दुनिया में बढ़ता प्रदूषण जिंदगी के लिए सबसे बड़ा खतरा बनकर उभर रहा है. न केवल भारत बल्कि विश्व के बड़े शहरों में जहरीली होती हवा ने चिंता बढ़ा दी है. यूरोप भी इससे अछूता नहीं है. ऐसे ही एक मामले में फ्रांस की अदालत ने दो प्रमुख शहरों में सामान्य से अधिक प्रदूषण बढ़ने और उसे रोकने में सरकारी विफलता की वजह से सरकारी एजेंसियों पर 10 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया है. 


ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट की मानें तो फ्रांस के शहर पेरिस और ल्योन में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर यूरोपीय सीमा से ऊपर बना हुआ है. फ्रांस की कॉन्सिल डी'एटैट की अदालत ने शुक्रवार (24 नवंबर) को अपने फैसले में कहा कि नाइट्रोजन डाइऑक्साइड का स्तर पेरिस और ल्योन में यूरोपीय सीमा से ऊपर बना हुआ है.


अदालत ने लागाया 10 मिलियन यूरो का जुर्माना
शीर्ष प्रशासनिक न्यायालय ने कहा है कि प्रदूषण रोकथाम के लिए सरकार ने फिलहाल जो कदम उठाये हैं, वे इस साल के मौजूदा बेहद कम वक्त में हालात को संभालने के लिए काफी नहीं हैं. इसके बाद अदालत ने राज्य को इन दो प्रमुख शहरों में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण पर अतिरिक्त 10 मिलियन यूरो का भुगतान करने का आदेश दिया है.





साल भर से लगातार अनियंत्रित है प्रदूषण

कोर्ट ने कहा कि वर्ष 2022 की दूसरी छमाही में प्रदूषण रोकथाम में विफलता के लिए 5 मिलियन यूरो का जुर्माना देना होगा. जबकि इस वर्ष की पहली छमाही में भी सरकार प्रदूषण रोकने में विफल रही है. इसके लिए भी 5 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया गया है. जुर्माने का अधिकांश हिस्सा जलवायु परिवर्तन और वायु प्रदूषण रोकथाम के लिए जिम्मेदार सरकारी एजेंसियों को भुगतान करना होगा.


पर्यावरण मंत्रालय ने कहा- प्रदूषण रोकथाम के लिए कर रहे हैं काम
एक बयान में, फ्रांसीसी पर्यावरण मंत्रालय ने कहा कि वह राष्ट्रीय और स्थानीय दोनों स्तरों पर जितनी जल्दी हो सके, प्रदूषण को कम करने के लिए काम कर रहा है. इसके पहले अदालत ने वायु गुणवत्ता में सुधार में कमी के लिए राज्य पर 2022 और 2021 में 30 मिलियन यूरो का जुर्माना लगाया था. कोर्ट ने कहा है कि वह अगले साल फिर से सरकार के कार्यों का मूल्यांकन करेगा.


 ये भी पढ़ें :Pakistan Pollution: चीन की मदद से प्रदूषण पर लगाम लगाएगा पाकिस्तान! लाहौर में चीनी टेक्नोलॉजी के दम पर आर्टिफिशियल बारिश करने का लिया फैसला