बेलारूस ने दावा किया कि पोलिश सीमा पर तैनात सुरक्षाकर्मियों ने लगभग 100 भारतीय छात्रों की पिटाई की और उन्हें वापस यूक्रेन भेज दिया, जिसके बाद उन्हें रोमानिया के एक शरणार्थी शिविर में रखा गया है. संयुक्त राष्ट्र में बेलारूस के राजदूत वैलेन्टिन रयबाकोव ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में एक बयान देते हुए यह टिप्पणी की. रयबाकोव ने कहा, ‘‘पोलिश सीमा प्रहरियों ने 26 फरवरी को लगभग 100 भारतीय छात्रों के एक समूह को पीटा और यूक्रेन वापस भेज दिया, जिन्हें इसके बाद रोमानिया में एक शरणार्थी शिविर में रखा गया.’’


संयुक्त राष्ट्र में यूक्रेन के राजदूत सर्गेई किस्लिट्स्या ने कहा कि उनके देश में रूसी सैन्य अभियान में एक भारतीय नागरिक मारा गया और एक चीनी नागरिक घायल हो गया. किस्लिट्स्या ने कहा, ‘‘यूक्रेन को गहरा खेद है कि भारत का एक छात्र खारकीव में रूसी सेना की गोलाबारी का शिकार हुआ है. हम भारत और पीड़ित के रिश्तेदारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं.’’


इधर भारत लगातार अपने लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित अपने देश लाने की कोशिशों में जुटा है. करीब 20,000 भारतीयों में से अब तक 6,000 को स्वदेश लाया जा चुका है. यह आंकड़ा लगातार बढ़ रहा है. अलग-अलग फ्लाइट्स से करीब 3 हजार लोग और भारत पहुंचने वाले हैं. इनमें से कुछ पहुंच भी चुके हैं.


यूक्रेन में हालात बिगड़ते देख वहां स्थित भारतीय दूतावास ने छात्रों सहित अपने सभी नागरिकों से तुरंत खारकीव छोड़ने की अपील की है. रक्षा एवं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए भारतीय नागरिकों से तत्काल पेसोचिन, बाबाये और बेजलीयुदोव्का पहुंचने को कहा गया है.


भारतीय विदेश मंत्रालय ने आश्वासन दिया है कि तमाम विपरीत परिस्थितियों के बावजूद भारत सरकार यूक्रेन में फंसे अपने हर नागरिक को सुरक्षित वापस लाएगी. इसके लिए पीएम मोदी ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से बात भी की है. रूस की ओर से भी बयान आया है कि उसके सेना भारतीयों की निकासी में मदद के लिए तैयार है.


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