Pok Protest : पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में भारी झड़प के बाद प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का बड़ा बयान आया है. कई दिनों से वहां पुलिस बल और कश्मीरियों में झड़प भी हो रही है. इससे पाकिस्तान को पीओके के हाथ से निकल जाने का डर सताने लगा था. कश्मीरियों की आवाज दबाने के लिए पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार ने चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल को तैनात किया था. अब प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी है. उन्होंने पीओके के हालात पर चिंता जताते हुए सभी पक्षों से समाधान के लिए शांतिपूर्ण रास्ता निकालने को कहा है. शरीफ ने कहा, अराजकता और असहमति की स्थिति में हमेशा कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो राजनीतिक लाभ उठाने के लिए दौड़ पड़ते हैं. बहस, चर्चा और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन लोकतंत्र की सुंदरता हैं.


उन्होंने आगे कहा कि कानून को अपने हाथ में न लें, सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने हालात पर पीओके के कथित प्रधानमंत्री अनवारूल हक से बात की . उन्होंने पीओके में मौजूद अपनी पार्टी के नेताओं को आवामी एक्शन कमिटी से बात करने का निर्देश दिया है. उन्होंने सभी पक्षों से शांति की अपील करते हुए कहा कि मुझे उम्मीद है कि विरोधियों की तमाम कोशिशों के बावजूद मामला जल्द सुलझ जाएगा.






पीओके में इसलिए भड़की है हिंसा
दरअसल, पीओके में नए टैक्स और बढ़ती महंगाई के खिलाफ यह प्रदर्शन शुरू हुआ. शनिवार को विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया था, जो रविवार को भी जारी रहा. जम्मू-कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमिटी की योजना के अनुसार हजारों लोग विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे, लेकिन पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने इन्हें रोक दिया, जिससे लोग भड़क गए. इस दौरान कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई. इसमें पाकिस्तान का एक पुलिसकर्मी की मौत हुई है, जबकि कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए हैं.


कर्ज के चक्कर में फंसा पाकिस्तान
दरअसल, पाकिस्तानी कमरतोड़ महंगाई से जूझ रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने 3 अरब डॉलर के कर्ज की मंजूरी देते समय कड़ी शर्तों लगाई थीं, जिसके कारण स्थिति और खराब हो गई है. बिजली दरों में बढ़ोतरी से दिक्कतें बढ़ गई हैं और पाकिस्तान में लोग सड़कों पर उतरने को मजबूर हो गए हैं.