महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण के बयान की जितनी चर्चा भारत में हो रही है, उतनी ही पाकिस्तान में भी है. पाकिस्तानी मीडिया अपनी आवाम को बता रहा है कि भारत ने ऑपरेशन सिंदूर पर अपनी हार स्वीकार कर ली है. वहां की मीडिया उनके बयान को कोट करके कह रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान की जीत को भारत के नेता आखिरकार मानने लगे हैं.

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पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार (16 दिसंबर, 2025) को ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था कि भारत जंग में पहले ही दिन हार गया था. 7 मई को आधे घंटे तक जो हवाई युद्ध हुआ, उसमें हम (INDIA) पूरी तरह हार गए. उन्होंने यह भी कहा, 'चाहे लोग इसे मानें या न मानें. भारतीय विमानों को मार गिराया गया. भारतीय एयरफोर्स पूरी तरह से जमीन पर आ गई थी. एक भी विमान उड़ नहीं पा रहा था. अगर बठिंडा, सिरसा या ग्वालियर से कोई प्लेन उड़ान भरता तो पाकिस्तान उसे मार गिरा सकता था, इसीलिए एयरफोर्स को पूरी तरह से जमीन पर रखा गया.'

पृथ्वीराज चव्हाण के इस बयान पर द पाकिस्तान कनेक्ट नाम की पाकिस्तानी न्यूज वेबसाइट ने लिखा है कि महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस के सीनियर लीडर पृथ्वीराज चव्हाण ने माना है कि ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन भारत को पूरी तरह हार का सामना करना पड़ा था. रिपोर्ट में आगे लिखा गया कि हवाई जंग के बारे में बात करते हुए पृथ्वीराज चव्हाण कहते हैं कि 7 मई को आधे घंटे की आसमानी जंग यानी ऑपरेशन सिंदूर के पहले दिन हम (भारत) पूरी तरह हार गए थे.

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पाकिस्तान कनेक्ट ने तंज कसते हुए कहा कि पृथ्वीराज चव्हाण का बयान ऐसे समय में आया है, जब भारत लगातार इनकार करता रहा है कि उसका कोई विमान गिरा है. रिपोर्ट में इस लाइन को भी कोट किया गया जिसमें उन्होंने कहा कि अगर गव्लायिर, बठिंडा या सिरसा से कोई विमान उड़ान भरता तो पाकिस्तान उसे गिरा सकता था.

पृथ्वीराज चव्हाण ने मंगलवार को यह भी कहा था कि सेना के आकार के मामले में भारत, पाकिस्तान से श्रेष्ठ है, लेकिन ऑपरेशन सिंदूर ने स्पष्ट रूप से साबित कर दिया है कि भविष्य के संघर्ष काफी हद तक हवाई ताकत और मिसाइलों से लड़े जाएंगे.

उन्होंने कहा, 'सेना की बात करें तो हमारे पास 12 लाख से 15 लाख सैनिक हैं, जबकि पाकिस्तान के पास पांच लाख से छह लाख सैनिक हैं, लेकिन इसका (बड़ी संख्या का) कोई महत्व नहीं है क्योंकि उस तरह का युद्ध (जमीनी स्तर पर) अब नहीं होगा.' 

कांग्रेस नेता ने कहा, 'अब यह मायने नहीं रखता कि आपके पास कितनी पैदल सेना है, क्योंकि कोई भी आपको उस तरह का युद्ध नहीं करने देगा. हमने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देखा है कि सेना एक किलोमीटर भी आगे नहीं बढ़ी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान लड़ाई सिर्फ हवाई और मिसाइल हमलों तक सीमित रही और आगे भी युद्ध इसी तरह होंगे.' चव्हाण ने कहा, 'ऐसे में 12 लाख सैनिकों की सेना रखने की क्या जरूरत है? उन्हें किसी और काम में लगाना बेहतर होगा.'

 

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