Pakistan To IMF: गर्त में जाती अर्थव्‍यवस्‍था को संभालने के लिए पाकिस्‍तान को कर्ज की तत्‍काल जरूरत है. इसके लिए पाक सरकार ने अन्तर्राष्ट्रीय मौद्रिक कोष (International Monetary Fund) से एक अरब डॉलर से ज्‍यादा की राशि की मांग की है. हालांकि उसे यह राशि अभी जारी नहीं की गई है. इसलिए पाकिस्‍तान ने अब अमेरिका से सपोर्ट मांगा है.

पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक, पाकिस्‍तानी हुकूमत ने अमेरिका से कहा है कि उनके यहां पिछले साल की विनाशकारी बाढ़ के बाद देश के पुनर्निर्माण के लिए अपनी खराब अर्थव्‍यवस्‍था को सुधारने के लिए $1.1 बिलियन का लोन जारी करवाया जाए.  गुरुवार (26 जनवरी) को डॉन की खबर में कहा गया कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (IMF) और पाकिस्तान ने 2019 में $ 6 बिलियन बेलआउट पर साइन किए थे. ये राशि पिछले साल 1.1 बिलियन डॉलर के साथ देने का वादा किया था, जिसका उद्देश्य कर्ज जारी होने से पहले बजट घाटे को कम करना था.

तीन सप्ताह का विदेशी मुद्रा भंडार शेषबताते चलें कि कई फैसले लिए जाने के बावजूद पाकिस्‍तानी अर्थव्‍यवस्‍था संभलने के बजाय और नुकसान में जा रही है. यहां ब्याज दरें पहले से ही 17 फीसदी पर हैं. पाकिस्तान की इन्फ्लेशन रेट दिसंबर में 24.5 फीसदी पर पहुंच गई है, और विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से तीन सप्ताह के इम्पोर्ट को कवर करने लायक है. इसकी वजह से दक्षिण एशियाई राष्ट्र पाकिस्तान को बाहरी मदद की तत्‍काल आवश्‍यकता है. पाक के वित्त मंत्री इशाक डार ने बुधवार (25 जनवरी) को अमेरिकी ट्रेजरी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की थी. जिस पर डॉन ने सूत्रों के हवाले से बताया कि इशाक डार ने अमेरिकी अधिकारियों से कहा कि पाकिस्तान अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करेगा और नेचुरल गैस और बिजली की कीमतों में वृद्धि जैसे बहुत कड़े फैसले लेने की प्रक्रिया में है.

16.3 बिलियन डॉलर की जरूरतपाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने कहा है कि उनके देश को 'प्राण वायु' की जरूरत है, जो विनाशकारी बाढ़ के बाद उद्योग और कृषि सेक्‍टर के चुनौतीपूर्ण समय से गुजरे हैं. पिछले साल की भयंकर बाढ़ ने देश के कई हिस्सों को जलमग्न कर दिया. इसमें कम से कम 1,700 लोगों की मौत हो गई. हालांकि इससे पहले से ही पाकिस्तान की इकोनॉमी को बहुत नुकसान हो चुका था. अभी पाकिस्तान को अपनी आर्थिक हालात को सुधारने के लिए लगभग $ 16.3 बिलियन की जरूरत है. इस महीने अंतरराष्ट्रीय सहयोगियों ने इसमें आधे से अधिक पैसे देने का वादा किया था.

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