Pakistan Currency: नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) की करेंसी में गुरुवार (26 जनवरी) को डॉलर की तुलना में बड़ी गिरावट दर्ज की गई. सरकार के इस संकेत के बाद करेंसी के मूल्य में गिरावट आई है कि वह अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) से राहत पैकेज की अगली किस्त को लेकर उसकी कठिन शर्तों को मानने के लिए राजी है.


पाकिस्तानी रुपया बुधवार (25 जनवरी) को 230 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. गुरुवार (26 जनवरी) को बाजार खुलने के कुछ ही घंटों के अंदर यह और गिरते हुए 255 रुपये तक पहुंच गया. सरकार ने इस पर फिलहाल कोई बयान नहीं दिया है.


पाकिस्तान को राहत पैकेज की उम्मीद
पाकिस्तान कर्ज लौटाने को लेकर चूक से बचने के लिए छह अरब डॉलर (Dollar) के राहत पैकेज में से 1.1 अरब डॉलर की महत्वपूर्ण किस्त लेना चाहता है. राहत पैकेज जारी करने के लिए पाकिस्तान, मुद्रा कोष से बात कर रहा है. विश्लेषक अहसान रसूल का कहना है कि रुपये में गिरावट इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से कर्ज हासिल करने की बहुत ज्यादा जरूरत है.


IMF की शर्तें मानने को तैयार सरकार
कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनकी सरकार पिछले कुछ महीनों से रुके छह अरब डॉलर के राहत पैकेज को बहाल करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की कठिन शर्तों को मानने के लिए तैयार है. पाकिस्तान विदेशी करेंसी भंडार में कमी के बीच सबसे बुरे आर्थिक हालात से गुजर रहा है.


अर्थव्यवस्था बिगड़ने की बड़ी वजह क्या?
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में राजनीतिक माहौल सही नहीं है. देश पर विदेशी कर्ज का बहुत बड़ा लोड है. इस समय पाकिस्तान पर 100 अरब डॉलर का कर्ज है. देश के विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी से अर्थव्यवस्था चौपट हो गई है. देश में पिछले साल आई बाढ़ भी इस बदहाली के लिए जिम्मेदार है. आसमान छूती महंगाई से आम लोगों का बुरा हाल है. देश में ऊर्जा संकट भी बड़ी चुनौती है. हाल के दिनों में देश के कई शहरों ब्लैकआउट की स्थिति गंभीर बदहाली की ओर संकेत करते हैं.


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