Pakistan Allegations On India: तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और उससे संबंधित संगठनों के आतंकी हमलों के मद्देनजर पाकिस्तान की बौखलाहट सामने आई है. पाकिस्तान ने भारत पर देश को अस्थिर करने लिए आतंकी समूहों का समर्थन करने और उन्हें आर्थिक मदद मुहैया कराने के बेबुनियाद आरोप लगाए हैं. पाकिस्तान ने दावा किया है कि उसके पास इसके सबूत हैं.


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जेहरा बलूच ने गुरुवार (21 दिसंबर) को साप्ताहिक प्रेस वार्ता में कहा, ''ऐसे कई मामले हैं जिनमें हमारे पास आतंकी तत्वों की संलिप्तता के ठोस सबूत हैं. इन्हें भारत की ओर से वित्त पोषित और समर्थित किया जाता है और आने वाले दिनों में हम मीडिया के साथ ज्यादा डिटेल साझा करेंगे.''


सीमा पार से हुए कई आतंकी हमले- पाकिस्तान


इससे एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक कार्यक्रम में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने कहा था कि प्रतिबंधित आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) और उससे संबद्ध संगठनों ने उनके देश की धरती पर सीमा पार से कई आतंकी हमलों को अंजाम दिया है.


वह अफगानिस्तान से संचालित होने वाले कई आतंकी समूहों की ओर ध्यान आकर्षित कर रहे थे लेकिन माना जा रहा है कि उनका इशारा भारत की तरफ भी था. वह अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन से संबंधित यूएनएससी के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.


मुनीर अकरम बोले- टीटीपी ने उन्नत हथियार कैसे हासिल किए?


मुनीर अकरम ने कहा कि टीटीपी आतंकियों की ओर से उन्नत सैन्य उपकरण हासिल करने और उनकी ओर से इनका इस्तेमाल किए जाने के कारण ये हमले ज्यादा घातक हो गए हैं. उन्होंने ने संयुक्त राष्ट्र से इसकी गहन जांच करने का आग्रह किया है कि टीटीपी ने अफगानिस्तान में विदेशी ताकतों की ओर से छोड़े गए उन्नत सैन्य उपकरण कैसे हासिल किए.


मुनीर अकरम ने कहा, ''हमने केवल इस वर्ष इन हमलों में अपने सैकड़ों बहादुर जवानों और नागरिकों को खो दिया है और पिछले हफ्ते टीटीपी से संबद्ध समूह ने डेरा इस्माइल खान में हमारे सुरक्षाकर्मियों पर एक जघन्य हमला किया, जिसमें 23 से ज्यादा सैनिकों की मौत हो गई थी.''


पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के डेरा इस्माइल खान जिले में 12 दिसंबर को टीटीपी से संबंधित आतंकियों ने सुरक्षा बलों की चौकी को विस्फोटक से लदे वाहन से टक्कर मार दी थी. इस हमले में 23 सैनिक मारे गए थे.


अमेरिकी सैनिक छोड़कर चले गए थे अफगानिस्तान में हथियार


न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अकरम उन अमेरिकी हथियारों का जिक्र कर रहे थे जो अगस्त 2021 में अमेरिकी सैनिकों की वापसी पूरी होने के बाद अमेरिकी सेना की ओर से अफगानिस्तान में छोड़ दिए गए थे. अकरम ने कहा कि पाकिस्तान की मांग है कि संयुक्त राष्ट्र को यह पता लगाने के लिए जांच करानी चाहिए कि ये हथियार टीटीपी के कब्जे में कैसे आए.


(भाषा इनपुट के साथ)


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