Pakistan Needs IMF Package: पाकिस्तान इस समय सबसे बड़ी आर्थिक तंगहाली से जूझ रहा है. इससे निपटने के लिए उसे अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से बेल आउट पैकेज की सख्त जरूरत है, लेकिन अभी वो मिलता नजर नहीं आ रहा है. हाल ही में आईएमएफ की टीम पाकिस्तान के दौर पर थी, लेकिन बिना कुछ कहे ही वापस लौट गई. अब खबर है कि पहले से ही आर्थिक बदहाली झेल रही जनता का खून चूसने की तैयारी हो चुकी है. जल्द ही पाकिस्तान टैक्स बढ़ाने वाला है.


पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने शुक्रवार (10 फरवरी) को टैक्स बढ़ाने का संकेत दिया. इशाक डार ने इमरान खान पर देश को आर्थिक विनाश में धकेलने का आरोप लगाते हुए कहा कि इन चीजों को ठीक करना जरूरी है. ये सुधार दर्दनाक हैं, लेकिन जरूरी हैं.


नए टैक्स की तैयारी
पाकिस्तानी वित्त मंत्री आईएमएफ के साथ हुए समझौतों के बारे में मीडिया से बात कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार 170 अरब रुपये के नए टैक्स लगाने की तैयारी कर रही है. 


आईएमएफ की टीम 31 जनवरी से 9 फरवरी तक 10 दिनों के पाकिस्तान दौरे पर थी. टीम पाकिस्तान सरकार को 7 अरब डॉलर के कर्ज कार्यक्रम को लेकर समीक्षा करने आई थी. उसे यहां समझौता पर सहमति बनानी थी, लेकिन यहां उसने पाकिस्तान को नियम और शर्तों का ज्ञापन पकड़ा दिया और बिना कुछ कहे ही वापस लौट गई.


पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने दी सफाई
प्रतिनिधिमंडल के बिना बयान दिए वापस लौट जाने से पाकिस्तान में भ्रम की स्थिति है. इसे साफ करने के लिए वित्त मंत्री शुक्रवार को सामने आए और जोर देकर कहा कि कोई भ्रम नहीं है. उन्होंने बताया कि हमने आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल से जोर देकर कहा कि वे हमें वित्तीय और आर्थिक नीतियों के लिए ज्ञापन (MEFP)  का मसौदा भेज दें, ताकि हम इसे देख सकें. डार ने कहा कि शुक्रवार सुबह उन्हें आईएमएफ से मसौदा मिल गया है. डार ने बताया कि सोमवार को आईएमएफ के अधिकारियों के साथ वर्चुअल मीटिंग होगी.


जनता पर दोहरी मार
इस दौरान ही डार ने बताया कि सरकार और आईएमएफ के बीच नए टैक्स लगाने पर सहमति हुई है, जिसके तहत 170 अरब रुपये का टैक्स लगाया जाएगा. हालांकि, उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने की कोशिश करेगी कि करों का सीधा बोझ आम आदमी पर न पड़े. पाकिस्तानी वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्स लगाने के लिए सरकार वित्त विधेयक या अध्यादेश लाएगी. यानि इतना तय है कि पहले से ही महंगाई से जूझ रही पाकिस्तान की जनता पर दोहरी मार पड़ने वाली है.


संकट में पाकिस्तान
पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार गिरता जा रहा है. सरकार के पास पेट्रोल खरीदने के लिए पैसे नहीं है जिसके चलते देश में पेट्रोल की किल्लत हो गई है. लोग पेट्रोल के लिए भटक रहे हैं. पंजाब में तो हालात बदतर हो गए हैं. सबसे बड़े शहर लाहौर में 450 पेट्रोल पंप में से 70 में तेल ही नहीं है. वहीं, सिंध प्रांत की राजधानी कराची में व्यापारियों ने महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया है.


यह भी पढ़ें


अडानी पर विपक्षी हमले के बीच पीएम मोदी की लोकप्रियता घटी या बढ़ी, जानिए क्या कहता है ताजा सर्वे