America HAARP: तुर्किए में बीते दिनों आए शक्तिशाली भूकंप ने हजारों लोगों की जान ले ली और हजारों लोगों को बेघर कर दिया. भूकंप के कारण पूरे देश में स्थिति बदतर हो चुकी है. प्रभावित इलाकों में अभी भी राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है. इस सबके बीच एक हैरान करने वाली बात सामने आई है. भूकंप के दो दिन बाद सोशल मीडिया पर #HAARP ट्रेंड कर रहा था. कुछ यूजर्स का मानना है कि तुर्किए में आया भूकंप एक 'साजिश' है और इसके लिए अमेरिका जिम्मेदार है.


दरअसल, बीते मंगलवार को ट्विटर पर अचानक हैशटैग #HAARP ट्रेंड करने लगा. इस हैशटैग से 1 लाख से अधिक ट्वीट भी किए गए. एक यूजर ने लिखा, 'तीन हफ्ते पहले, FETO के सेरकन काराबाख ने कहा था कि 7.4 तीव्रता का भूकंप आएगा. अमेरिकी जहाज ने तुर्किए में डेरा डाला और बटन दबाया. इसके बाद दूतावास बंद कर दिए गए और सदस्यों को वापस बुला लिया गया.'


'भूकंप के दौरान गिरी बिजली'


एक अन्य यूजर ने लिखा, '...अमेरिकी हथियार हार्प 2 फरवरी, 2023 से एक कृत्रिम भूकंप बनाने के लिए तापमंडल को एक्टिव कर रहा है... वो इस्तांबुल में एक कृत्रिम भूकंप बनाना चाहते थे और उन्होंने जानबूझकर अपने वाणिज्य दूतावासों को बंद कर दिया.' कुछ यूजर्स ने ट्विटर पर भूकंप के समय बिजली गिरने के वीडियो भी शेयर किए. उन्होंने दावा किया कि भूकंप में बिजली का गिरना कोई सामान्य घटना नहीं है. हालांकि, सच्चाई क्या है वास्तव में कोई नहीं जानता है. इस मामले पर न तो कोई आधिकारिक बयान जारी किया गया है और न ही किसी वैज्ञानिक ने थ्योरी को मंजूरी दी है.


HAARP क्या है?


HAARP का मतलब है 'हाई-फ्रीक्वेंसी एक्टिव ऑरोरल रिसर्च प्रोग्राम'. HAARP नामक अमेरिकी अनुसंधान पहल 1990 के दशक की शुरुआत से एक्टिव है. हालांकि परियोजना के कई लक्ष्य हैं, लेकिन रेडियो संचार प्रौद्योगिकी (Radio Communication Technology) की उन्नति को इसका प्राथमिक फोकस माना जाता है.


यूनिवर्सिटी ऑफ अलास्का ने एक विज्ञप्ति में कहा है, 'तापमंडल के अध्ययन के लिए HAARP दुनिया का सबसे सक्षम उच्च-शक्ति, उच्च-आवृत्ति वाला ट्रांसमीटर है... रिसर्च फैसिलिटी का संचालन 11 अगस्त, 2015 को अमेरिकी वायुसेना से अलास्का फेयरबैंक्स विश्वविद्यालय में स्थानांतरित कर दिया गया था. जिससे HAARP को भूमि उपयोग सहकारी रिसर्च और विकास समझौते के माध्यम से आयनोस्फेरिक फेनोमेनोलॉजी की खोज जारी रखने की अनुमति मिली.'


क्या अमेरिका ने दी तुर्किए को सजा?


हालांकि, बहुत से सोशल मीडिया यूजर्स का ऐसा मानना है कि पश्चिम के साथ काम करने से इनकार करने पर तुर्किए को दंडित करने के लिए HAARP का उपयोग किया जा रहा है. एक यूजर ने कहा, 'इत्तेफाक जैसी कोई चीज नहीं है.' वहीं कई यूजर्स ने कहा कि विनाशकारी भूकंप से पहले होने वाले घटनाक्रम से काफी कुछ अंदाजा हो गया था.


'उन्होंने पहले कैसे पता चला?'


मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फ्रैंक हूगरबीट्स नामक एक डच भूकंप वैज्ञानिक ने तीन दिन पहले ही भूकंप का पूर्वाभास कर लिया था. इसी पर लोगों ने कहा कि महज तीन दिन पहले उन्होंने आपदा का पूर्वाभास कैसे कर लिया था. बता दें कि अभी तक की सभी टिप्पणियां सोशल मीडिया यूजर्स ने की हैं और तुर्किए के किसी भी अधिकारी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया है. अमेरिका ने भी इस पर कुछ नहीं कहा है.


HAARP ने क्या कहा?


इन अफवाहों के बीच HAARP ने अभी तक कोई बयान जारी नहीं किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अक्टूबर 2022 में HAARP ने अपनी नई वेधशाला में प्रयोगों का सबसे बड़ा सेट शुरू किया था, लेकिन किसी भी तरह के भूकंप का उल्लेख नहीं किया गया था. साइंस एडवांसेस में प्रकाशित 2017 की एक स्टडी कहती है कि प्राकृतिक रूप से होने वाले और मानव जनित भूकंप दोनों में झटकों और क्षति की समान क्षमता होती है.


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