Pakistan Latest News: पाकिस्तान में हिंदू लड़कियों के जबरन अपरहण और धर्मांतरण को लेकर वहां के राजनीतिक विश्लेषक डॉ कमर चीमा भड़के हैं. गुरुवार (दो मई, 2024) को उन्होंने इस मामले पर कहा- मुझे यह जानकर बड़ी तकलीफ और दुख हुआ है. ये लोग (हिंदू) आखिरकार यहां अल्पसंख्यक कैसे हैं? ये भी इस देश के समान नागरिक हैं. पाकिस्तान में ये और लोगों की तरह ही शहरी हैं. हमने उन्हें बड़ा ही गलत किस्म का टर्म (माइनॉरिटी/अल्पसंख्यक) दे दिया है, जिससे इसाई, हिंदू और सिख आदि के हवाले से यह अक्सर कहा जाता कि उनकी यहां पर कोई जिंदगी नहीं है."


सोशल मीडिया पर जारी किए ताजा वीडियो में कमर चीमा आगे कहते नजर आए- आप (सरकार) और अन्य लोगों की तरफ से जब लालच दिया जाता है और बहकाया जाता है तब गरीब हिंदू इस्लाम में आ जाते हैं. उन्हें नौकरियों का लालच दिया जाता है. यह कहा जाता कि आपका तो कोई नहीं है. हमारी तरफ (इस्लाम में) आ जाओ यहां...जन्नत मिलेगी. यह तरीका गलत है. जब तक कोई खुद मर्जी से न आए, तब तक धर्मांतरण सही नहीं है.


 


सिंध में होती हैं रस्में, मौलवी रजिस्टर में रखते हैं हिसाब 


यूट्यूब वीडियो में कमर चीमा ने यह भी दावा किया- ऐसे धर्मांतरण के लिए सिंध में बाकायदा रस्में की जाती हैं. पाकिस्तान में उन्हें कई लोगों ने जानकारी दी कि मौलवियों ने रजिस्टर रखे हुए हैं, जिनमें हिसाब रहता है कि उन्होंने कितने लोगों को इस्लाम कबूल कराया. वे इसके जरिए बताते हैं कि वे कितने सारे लोगों को इस्लाम में लेकर आए.ये धर्मांतरण नहीं जबरन धर्मांतरण है. 


देखिए, डॉ कमर चीमा ने और क्या कहा?: 



PAK सीनेटर दानेश कुमार ने क्या कहा था?


पाकिस्तानी सीनेटर ने सीनेट सत्र के बीच कहा था, "हिंदुओं की बेटियां कोई लूट का माल नहीं हैं कि कोई जबरन उनका धर्म बदलवा दे. सिंध में हिंदू लड़कियों को जबरन इस्लाम में धर्मांतरण कराया जा रहा है. मासूम पूजा कुमारी का अपहरण हुए दो साल हो गए. इन प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है. हिंदू लड़कियों का जबरन अपहरण और धर्मांतरण प्रभावशाली लोगों और धार्मिक समूहों की ओर से किया जा रहा है, जिन्हें राजनीतिक दलों का समर्थन हासिल है. उनका अपहरण कर जबरन इस्लाम कबूल कराया जाता है और उनकी शादी मुस्लिम पुरुषों से करा दी जाती है."






दानेश कुमार के अनुसार, "बहाना बनाया जा रहा है कि नाबालिग हिंदू लड़कियां मर्जी से धर्म परिवर्तन कर रही हैं. सरकार इन प्रभावशाली लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करती है. प्रभावशाली धार्मिक समूहों को लगता है कि धर्मांतरण से वो ये साबित करना चाहते हैं कि इस्लाम के प्रति उनका पक्का समर्पण है, जबकि इस्लाम की शिक्षा इसकी इजाजत नहीं देती."


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