पाकिस्तान में इमरान खान सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. आज अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होनी है जबकि 3 अप्रैल को वोटिंग हो सकती है. विपक्षी पार्टियां भी इमरान खान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं. वहीं इमरान भी सरकार बचाने की हर तिकड़म लगा रहे हैं.


बुधवार को इस्लामाबाद के सिंध हाउस में विपक्ष की अहम बैठक हुई, जिसमें इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सभी असंतुष्ट सांसद समेत 196 सदस्य मौजूद थे. साथ ही आमिर लियाकत हुसैन सहित पीटीआई के 3 और सांसद वहां पहुंचे हैं. पीएम इमरान खान के लिए हालात पल-पल बदल रहे हैं. 


बाजवा ने की इमरान से मुलाकात


जबकि इमरान खान भी अपनी कुर्सी बचाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहे हैं. आज उनसे पाकिस्तान के आर्मी चीफ कमर जावेद बाजवा और आईएसआई के डीजी ने मुलाकात की. इमरान खान के खास सिपहसालार लगातार उनका समर्थन कर रहे हैं. इमरान का आज राष्ट्र के नाम संबोधन भी होना था, जो बाजवा और आईएसआई चीफ से मुलाकात के कारण टल गया.


मंत्री बोले- किसी ने इस्तीफा देने को नहीं कहा


पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि किसी ने पीएम इमरान खान को इस्तीफा देने को नहीं कहा है और वह इस्तीफा देंगे भी नहीं. वहीं पीटीआई के सीनेटर फैसल जावेद ने कहा, इमरान खान ने बताया, खत में ऐसी ऐसी बातें हैं कि अगर वह सामने आता है तो इमरान खान को उसका बहुत फायदा होगा लेकिन विपक्ष तबाह और बर्बाद हो जाएगा. इमरान खान की कामयाबी की देश को जल्दी ही खुशखबरी मिलेगी.


इमरान ने बुलाया विशेष सत्र


इस बीच पाकिस्तान में संकट से घिरे प्रधानमंत्री इमरान खान ने बुधवार को संघीय कैबिनेट का विशेष सत्र बुलाया. यह सत्र इस तरह की रिपोर्ट मिलने के बीच बुलाया गया कि सत्ताधारी गठबंधन के सदस्य दल एमक्यूएम-पी के दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक मंत्रियों ने इस्तीफा अपनी पार्टी के इस ऐलान के बाद दिया कि वह प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव का समर्थन करेगी.


सूत्रों के मुताबिक विशेष सत्र में मुत्तहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) और बलूचिस्तान अवामी पार्टी (बीएपी) के सांसदों को निचले सदन में अपने पक्ष में करने के मकसद से मौजूदा राजनीतिक हालात पर चर्चा की गई. निचले सदन में एमक्यूएम-पी के पास सात सांसद हैं, जबकि बीएपी के पास पांच सांसद हैं.


कैबिनेट सदस्यों और आमंत्रित अन्य लोगों को खतरे से संबंधित उस खत पर भी भरोसे में लिया गया, जिसके बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि यह उनकी सरकार गिराने की ‘विदेशी साजिश’ का सबूत है. खत दिखाने की मांग को लेकर बढ़ते दबाव के बीच इमरान ने इसके पहले कहा कि वे शुक्रवार को पार्टी की शक्ति का प्रदर्शन करने वाली रैली में इस पत्र को दिखाएंगे. हालांकि चिट्ठी सार्वजनिक करने को लेकर इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने रोक लगा दी है. कोर्ट ने ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट का हवाला दिया है.


8 मार्च को आया था अविश्वास प्रस्ताव


पाकिस्तान में 8 मार्च को नेशनल असेंबली में विपक्ष दलों की ओर से संयुक्त रूप से अविश्वास प्रस्ताव लाने के बाद राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए नेशनल असेंबली के सत्र का आयोजन गुरुवार को होगा.


क्या है पाक संसद का गणित


इमरान खान को सरकार बचाने के लिए 342 सदस्यीय संसद (नेशनल असेंबली) में 172 मत की जरूरत पड़ेगी. जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक एमक्यूएम-पी ने विपक्ष का सहयोग करने का फैसला किया है और इसके दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया है.


बताया जा रहा है कि एमक्यूएम-पी के सांसद फारोग नसीम और अमीनउल हक ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. एमक्यूएम-पी के नेता फैजल सब्जवाडी ने बुधवार को कहा कि संयुक्त विपक्ष के साथ उसका समझौता हो चुका है.


कोई पाक पीएम नहीं पूरा कर पाया कार्यकाल


69 वर्षीय इमरान खान की पार्टी पीटीआई के सदन में 155 सांसद हैं. इमरान को करीब दो दर्जन सांसदों की बगावत और सहयोगी दलों की चुनौतियों का भी सामना करना पड़ रहा है. पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी प्रधानमंत्री को अविश्वास प्रस्ताव के जरिए नहीं हटाया गया है, लेकिन इस चुनौती का सामना करने वाले इमरान खान तीसरे प्रधानमंत्री हैं.


इससे पहले इमरान खान ने अपनी पार्टी के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि वह अविश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दिन या तो सदन में अनुपस्थित रहें या फिर मतदान में भाग न लें.  पाकिस्तान में अब तक कोई प्रधानमंत्री पांच साल का कार्यकाल नहीं पूरा कर सका है.


ये भी पढ़ें


Political Crisis In Pakistan: इमरान खान देंगे पीएम पद से इस्तीफा? मंत्रियों ने किया ये दावा



Pak Political Crisis: फ्लोर टेस्ट से पहले इमरान खान ने खोया बहुमत! सहयोगी एमक्यूएम-पी ने दिया विपक्ष का साथ