Pak Political Crisis:  पाकिस्तान में सियासी हालात गंभीर होते जा रहे हैं. केंद्र में पीटीआई की प्रमुख सहयोगी मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट-पाकिस्तान (एमक्यूएम-पी) ने अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में संयुक्त विपक्ष के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर के बाद प्रधानमंत्री इमरान खान के संघीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक पाकिस्तान मीडिया ने यह दावा किया है. एमक्यूएम-पी के सरकार से बाहर जाने के बाद इमरान खान ने बहुमत खो दिया है. 


पाकिस्तानी मीडिया ने आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद के हवाले से कहा कि पीएम इमरान खान आज शाम को राष्ट्र को संबोधित करेंगे. वह मौजूदा सरकार को गिराने के उद्देश्य से एक 'विदेशी साजिश' पत्र के खिलाफ जनता को विश्वास में लेने के लिए संबोधित करेंगे.


विपक्ष के पक्ष में नेशनल असेंबली का गणित 
सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी एमक्यूएम-पी के इमरान खान के नेतृत्व वाली सरकार से अलग होने के फैसले के बाद पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली के 177 सदस्य हो गए हैं. जबकि इमरान सरकार के पास 164 एमएनए (नेशनल असेंबली के सदस्य) बचे हैं. बता दें प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए, पाकिस्तान के संयुक्त विपक्ष को 172 एमएनए के समर्थन की आवश्यकता है.


 






पाकिस्तानी नेशनल असेंबली में कुल 342 सदस्य हैं, जिसमें बहुमत का आंकड़ा 172 है. पीटीआई के नेतृत्व वाला गठबंधन 179 सदस्यों के समर्थन से बना था, लेकिन अब, एमक्यूएम-पी के पार्टी छोड़ने के बाद, पीटीआई 164 सदस्यों के साथ खड़ी है. विपक्ष के पास अब नेशनल असेंबली में समर्थकों के 177 सदस्य हैं. विपक्ष को अब असंतुष्ट पीटीआई एमएनए के समर्थन की भी जरूरत नहीं है. विपक्ष ने आठ मार्च को नेशनल असेंबली सचिवालय को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया था. 


2018 में सत्ता में आए थे इमरान 
इमरान खान 2018 में ‘नया पाकिस्तान’ बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे, लेकिन चीजों की कीमतों को नियंत्रण में रखने की बुनियादी समस्या को दूर करने में बुरी तरह विफल रहे, जिससे विपक्ष को उनकी सरकार पर हमला करने का मौका मिल गया.


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