पाकिस्तान के सियासी संकट के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान ने जनता से समर्थन की अपील की है. उन्होंने अवाम को देश के लोकतंत्र और संप्रभुता का सबसे बड़ा रक्षक बताया है. इमरान खान ने कहा, लोग मुल्क की संप्रभुता और लोकतंत्र के सबसे बड़े रक्षक होते हैं. ये लोग ही हैं, जिन्हें बाहर निकलकर पाकिस्तान की संप्रभुता और लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए, जिसपर हमारे स्थानीय सहयोगियों-मीर जाफर और मीर सादिक के जरिए विदेशी ताकतें हमला कर रही हैं. 


वहीं बुधवार को पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट में प्रधानमंत्री इमरान खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज होने और राष्ट्रपति की ओर से संसद भंग किए जाने के मामले पर सुनवाई जारी है. नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष कासिम सूरी ने रविवार को प्रधानमंत्री के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव खारिज किए जाने के कुछ ही मिनटों बाद राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने इमरान की सिफारिश पर नेशनल असेंबली को भंग कर दिया था. सत्तारूढ़ गठबंधन से दो अहम सहयोगियों के हटने के बाद इमरान ने संसद के 342 सदस्यीय निचले सदन में बहुमत खो दिया था.


चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि नेशनल असेंबली को भंग करने के संबंध में प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के सभी आदेशों व कार्यों पर अदालत विचार करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस घटनाक्रम पर स्वत: संज्ञान लिया है और पांच सदस्यीय पीठ ने सोमवार व मंगलवार को मामले में सुनवाई की थी. मामले में राष्ट्रपति अल्वी, सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन और सभी राजनीतिक दलों को प्रतिवादी बनाया गया है.


नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष के फैसले को लेकर सरकार और विपक्ष के वकीलों ने अपनी-अपनी दलीलें पेश कीं. जस्टिस बंदियाल ने सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर नेशनल असेंबली के अध्यक्ष संविधान के अनुच्छेद-5 का हवाला देते हैं, तब भी अविश्वास प्रस्ताव को खारिज नहीं किया जा सकता.


विशेषज्ञों का कहना है कि अगर इमरान के पक्ष में फैसला आता है तो 90 दिन में चुनाव कराने होंगे. वहीं, अगर फैसला उपाध्यक्ष के खिलाफ आता है तो संसद की बैठक दोबारा बुलाई जाएगी और इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाएगा.


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