Pakistan Nuclear Weapon: पाकिस्तान (Pakistan) के पास तकरीबन 170 परमाणु हथियारों का भंडार है जो मौजूदा वृद्धि दर के हिसाब से 2025 तक करीब 200 तक बढ़ सकता है. अमेरिका के शीर्ष परमाणु वैज्ञानिकों ने यह दावा किया है. बुलेटिन ऑफ अटॉमिक साइंटिस्ट्स में 11 सितंबर को पब्लिश कॉलम न्यूक्लियर नोटबुक में कहा गया है, ‘‘हमारा अनुमान है कि पाकिस्तान के पास करीब 170 परमाणु हथियारों का भंडार है.''


वहीं, PTI की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की रक्षा खुफिया एजेंसी ने 1999 में अनुमान जताया था कि पाकिस्तान के पास 2020 तक 60 से 80 परमाणु हथियार होंगे लेकिन तब से कई नयी हथियार प्रणालियां तैनात और विकसित की गयी हैं जिससे आकलन बढ़ गया है.’’


पाकिस्तानी परमाणु शस्त्रागार के बारे में जानकारी
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने कहा, ‘‘हमारा आकलन काफी अनिश्चितता से भरा है क्योंकि न तो पाकिस्तान और न ही अन्य देश पाकिस्तानी परमाणु शस्त्रागार के बारे में ज्यादा जानकारी पब्लिश करते हैं.’’ उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि देश का भंडार मौजूदा वृद्धि दर से 2020 के बाद के वर्षों में करीब 200 तक पहुंच सकता है.’’



उन्होंने आगे कहा, ‘‘लेकिन जब तक भारत अपने शस्त्रागार का विस्तार नहीं करता या पारंपरिक ताकतों का निर्माण नहीं करता, तब तक यह उम्मीद करना सही लगता है कि पाकिस्तान का परमाणु शस्त्रागार अनिश्चितकाल तक बढ़ता नहीं रहेगा बल्कि उसके मौजूदा हथियार कार्यक्रम पूरे होने के बाद यह कम होना शुरू हो सकता है.’’


पाकिस्तानी न्यूक्लियर वेपन का ठिकाना
अमेरिकी रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के पास मौजूद न्यूक्लियर वेपन का ठिकाना कराची में स्थित मसरूर एयरबेस है. इसी एयरबेस में मिराज की 3 स्क्वाड्रन मौजूद है. यहां से 5 किमी दूर पश्चिम-उत्तर इलाके में न्यूक्लियर वेपन का गोदाम है. पाकिस्तान मसरूर एयरबेस के अलावा मिन्हास कामरा एयरबेस और शहबाज एयरबेस में भी न्यूक्लियर वेपन रखता है.



(Image Source-Bulletin of the Atomic Scientists)


पाकिस्तान के पास न्यूक्लियर वेपन के अलावा 6 तरह की किलर मिसाइल भी है, जो न्यूक्लियर वेपन दागने की क्षमता रखती है. अब्दाली, गजनवी, शाहीन और नस्र कम दूरी पर मार करने वाली मिसाइल है और गौरी और शाहीन 2 मध्यम दूरी तक मारने की क्षमता रखती है. एक रिपोर्ट के मुताबिक फिलहाल पाकिस्तान परमाणु बम गिराने वाली दो और मिसाइलों पर काम कर रहा है.


पाकिस्तान के पास मौजूद मिसाइल बेस
सैटेलाइट इमेजरी के विश्लेषण से पता चलता है कि पाकिस्तान के पास कम से कम पांच मिसाइल बेस हैं जो पाकिस्तान की परमाणु ताकतों में भूमिका निभा सकते हैं. हालांकि, मुख्य रूप से पारंपरिक हमले के संचालन के लिए बनाए गए सैन्य प्रतिष्ठानों और परमाणु हमले की भूमिकाओं के लिए स्पेशली बनाए गए सैन्य प्रतिष्ठानों के बीच अंतर करना महत्वपूर्ण चुनौती है. 


अर्को गैरीसन: भारतीय सीमा से लगभग 145 किलोमीटर दूर स्थित अर्को गैरीसन में SIC मिसाइल TEL गैरेज शामिल हैं, जो कम से कम 12 लॉन्चरों के लिए डिज़ाइन किए गए हैं. TEL गेराज कॉम्प्लेक्स के सैटेलाट इमेजर एक अंडरग्राउंड निर्माण को दिखाती है. अंडरग्राउंड प्लेस पर दो क्रॉस-आकार वाले सेक्शन मौजूद हैं, जो एक सेंट्ररल गलियारे से जुड़े हुए हैं.


गुजरांवाला गैरीसन: गुजरांवाला गैरीसन, पाकिस्तान के सबसे बड़े सैन्य परिसरों में से एक है. ये भारतीय सीमा से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.


खुजदार गैरीसन: खुजदार गैरीसन भारतीय सीमा से सबसे दूर स्थित है. खुजदार गैरीसन के साउथ पार्ट के हिस्से में साल 2017 के अंत में तीन अतिरिक्त TEL गैरेज को शामिल किया गया था. इसके बाद TEL की कुल संख्या छह हो गई.


पानो अकील गैरीसन: पानो अकील गैरीसन सिंध प्रांत के उत्तरी भाग में भारतीय सीमा से केवल 85 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यह गैरीसन संभावित रूप से लगभग 50 TEL मौजूद है. इस चौकी पर बाबर और शाहीन-I मिसाइलों सहित बड़ी संख्या में TEL  दिखाई देते हैं.


सरगोधा गैरीसन: किराना हिल्स में स्थित सरगोधा गैरीसन 1983 से 1990 तक पाकिस्तान की तरफ से परमाणु विकास के लिए इस्तेमाल की जाने वाली साइट थी. 


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