Pakistan Election Results 2024: पाकिस्तान में करीब सभी सीटों के नतीजे सामने आ चुके हैं. परिणाम आने के बीच पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के सुप्रीमो नवाज शरीफ ने हुंकार भरते हुए कहा कि चुनाव में उनकी पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है. इसके साथ ही पीएमएल-एन ने गठबंधन की सरकार बनाने के लिए अपनी कोशिशें भी तेज कर दी हैं. इसी मुद्दे के तहत बीते शुक्रवार (9 फरवरी 2024) को शहबाज शरीफ ने लाहौर में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेता आसिफ अली जरदारी और उनके बेटे बिलावल भुट्टो से खास मुलाकात की. इस दौरान दोनों पार्टियों के बीच गठबंधन की सरकार बनाने पर सहमति बनी.


ऐसा नहीं है कि पीएमएल-एन और पीपीपी की पार्टी केंद्र में पहली बार गठबंधन की सरकार बनाने बनाने जा रही है. इससे पहले भी दोनों पार्टियां 2008 और 2022 में गठबंधन की तहत सरकार बना चुकी हैं. ऐसे में बात करें ये दोनों पार्टियां किन परिस्थितियों की वजह हमेशा एक साथ आई हैं, तो वो इस प्रकार है- 


मुशर्रफ के खिलाफ दोनों पार्टियों ने खोला एक साथ मोर्चा


2006 में पीएमएल-एन प्रमुख नवाज शरीफ और पीपीपी नेता बेनजीर भुट्टो ने तत्कालीन राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के खिलाफ एक साथ मोर्चा खोल दिया था. मुशर्रफ 1999 में सैन्य तख्तापलट के बाद सत्ता में आए थे. नवाज और बेनजीर ने 'चार्टर ऑफ डेमोक्रेसी' पर साइन किए और 36 बिंदुओं के माध्यम से नागरिक लोकतांत्रिक शासन को फिर से स्थापित करने की प्रक्रियाओं को रूपरेखा दी. 


हालांकि, मुशर्रफ को नवाज और बेनजीर की वजह से अपना पद नहीं खोना पड़ा, बल्कि मुख्य न्यायाधीश इफ्तिखार चौधरी के साथ हुए टकराव के बाद सत्ता से बाहर निकलना पड़ा. मुशर्रफ के बाद पाकिस्तान के अगले राष्ट्रपति बेनजीर के पति आसिफ अली जरदारी बने. वहीं पीपीपी के नेता यूसुफ रजा गिलानी को प्रधानमंत्री का पद मिला.


इमरान खान के रथ को विफल करने के लिए गठबंधन पुनर्जीवित


2018 के आम चुनाव में पीटीआई सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. इस दौरान उसे सेना का समर्थन भी प्राप्त था. सत्ता में पीटीआई के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए एक बार फिर 2020 में पीपीपी और पीएमएल-एन एक साथ आई. दोनों दलों ने पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) नामक सरकार के खिलाफ एक गठबंधन बनाया. इसमें दूसरी छोटी मोटी पार्टियां भी शामिल थीं. 


अप्रैल 2022 में नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव के बाद पीडीएम आखिरकार पीटीआई की सरकार को गिराने में कामयाब रही. बताया जाता है कि इमरान और सेना के बीच हुई अनबन की वजह से पीटीआई की सरकार गिरी थी. 


2024 के आम चुनाव में पीपीपी और पीएमएल-एन ने एक साथ चुनाव नहीं लड़ा था. हालांकि, वह तीसरी बार गठबंधन की सरकार बनाने के लिए मजबूर हैं. इसकी वजह कोई भी पार्टी सत्ता में बहुमत के साथ नहीं आई है. 


यह भी पढ़ें- पाकिस्तान चुनाव में हिंदू उम्मीदवार सवीरा प्रकाश को मिली हार, शिकस्त के बाद भी दिखाया बेहतरीन जज्बा, वोटर्स को दिया ये खास पैगाम