नई दिल्लीः एलएसी पर चल रही तनातनी के बीच चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों ने आज दक्षिणी चीन सागर के हैनान (हाइनान) द्वीप पर सामरिक-मुलाकात की. खास बात ये है कि जिस हाइनान द्वीप पर दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने मुलाकात की, वहां चीन का एक सीक्रेट अडंरग्राउड सबमरीन बेस है, जिसकी सैटेलाइट तस्वीरें हाल ही में सामने आई थीं. चीन पिछले कुछ समय से पाकिस्तान के लिए आठ (08) पनडुब्बियां का निर्माण कर रहा है.


हैनान द्वीप में है चीन का अहम पनडुब्बी बेस


पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने आज चीन के हाइनान प्रांत (द्वीप) पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी से मुलाकात की. कुरैशी दो दिन के चीनी दौरे पर गए हुए हैं, जहां वे वांग यी के साथ स्ट्रेटेजिक-डायलॉग में शामिल हो रहे हैं.


हाइनान में कुरैशी की वार्ता-स्थल पर वांग से मुलाकात का एक वीडियो सामने आया है, जिसमें वांग यी ने हाथ मिलाने की बजाए कोहनी टकराकर मुलाकात की (कोरोना के चलते). इससे पहले जब पाकिस्तानी विदेश मंत्री चीन पहुंचे थे, तो एयरपोर्ट भी इक्का-दुक्का चीनी डिप्लोमेट ही उनकी आगवानी को लिए पहुंचे थे. वे भी दूर ही खड़े रहे और चीनी दूतावास के अधिकारियों के साथ कुरैशी एयरपोर्ट से निकल गए.



(हैनान में चीन के पनडुब्बी बेस की सैटेलाइट तस्वीर)

दरअसल, जिस हाइनान द्वीप में ये चीन और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई है, वहां चीन का एक अंडरग्राउंड सबमरीन बेस है. आईलैंड में सुरंगनुमा इस बेस की सैटेलाइट इमेज हाल ही में सामने आई थी. इस तस्वीर में चीन की एक (संभवतः परमाणु) पनडुब्बी दाखिल होती हुई दिखाई पड़ रही है. आपको बता दें कि चीन के पास 60-70 पनडुब्बियों का जंगी बेड़ा है, जिनके दम पर चीन दक्षिण चीन सागर से लेकर हिंद महासागर तक अपने पैर पसारने में जुटा है.


भारत के खिलाफ पाकिस्तान को मजबूती देने में जुटा चीन


चीन-पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों की एक दिवसीय मीटिंग के बाद पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने चीन-पाकिस्तान की दोस्ती को 'ऑल वेदर स्ट्रेटेजिक कॉपरेटिव पार्टनरशिप' करार दिया.


दरअसल, भारत के लिए चिंता की बात ये है कि चीन पाकिस्तान को समंदर में मजबूत करने में जुटा है. इसके लिए चीन, पाकिस्तान के लिए आठ(08) पनडुब्बियों का निर्माण कर रहा है.


इनमें से चार पनडुब्बियां चीन में ही तैयार हो रही हैं और 2023 तक पाकिस्तान को मिलने की उम्मीद है. जबकि बाकी चार 2028 तक पाकिस्तान के कराची बंदरगाह में तैयार होने का प्लान है. चीन जानता है कि हिंद महासागर में वो अकेले भारत का सामना करने में सक्षम नहीं है. इसीलिए पाकिस्तान को भारत के खिलाफ इस्तेमाल करने की तैयारी कर रहा है.


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