White House Statement On Afghan Citizens: पाकिस्तान ने अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाया था जिसके बाद व्हाइट हाउस ने कहा है कि इस बात का कोई संकेत नहीं है कि पाकिस्तान में अफगान शरणार्थी या अफगानिस्तान की सीमा पर रहने वाले लोग आतंकवादी घटनाओं में शामिल हैं. 


व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रवक्ता जॉन किर्बी ने बताया कि इस्लामाबाद की ओर से अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने और अस्थिरता पैदा करने का आरोप लगाना ठीक नहीं है. उन्होंने बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के साथ लगने वाली सीमा पर रह रहे अफगान शरणार्थियों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कोई संकेत नहीं मिले हैं.


पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दो दिन पहले कहा था, "देश में बढ़ते आतंकवादी हमलों के बीच अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान में बसने की अनुमति देना बड़ी गलती थी." आसिफ ने ये भी कहा था, "मौजूदा स्थिति ने अफगान शरणार्थियों को प्रदान की गई सुविधाओं के संबंध में चिंताएं बढ़ा दी हैं". 


अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप
ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अफगान शरणार्थियों को पनाह और सुविधाएं देने के परिणाम पाकिस्तान को भुगतने पड़े हैं. उन्होंने अफगान नागरिकों पर आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का भी आरोप लगाया जिस पर किर्बी ने टिप्पणी करते हुए सोमवार (17 जुलाई) को एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि पाकिस्तान में या अफगानिस्तान से लगने वाली उसकी सीमा पर रह रहे अफगान शरणार्थियों के आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के कोई भी संकेत नहीं दिख रहे हैं. 
 
पाकिस्तान में 3 लाख अफगानी आए
आसिफ ने शनिवार (15 जुलाई) को कहा था कि इमरान खान के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान काफी गंभीर गलतियां की थीं. आसिफ ने बताया कि तीन लाख अफगानियों को पाकिस्तान लाया गया था, जबकि 500,000 अफगान प्रवासी पहले से ही पाकिस्तान में मौजूद हैं. 


जॉन किर्बी ने कहा कि इतनी अधिक संख्या में अफगान नागरिकों की मदद करने के लिए अमेरिका पाकिस्तान की सराहना करता है. उन्होंने आगे कहा, "अमेरिका आतंकवाद की चुनौतियों से निपटने के लिए पाकिस्तान के साथ काम करना जारी रखेंगे".


पाकिस्तानी सेना के शीर्ष अधिकारियों ने सोमवार (17 जुलाई) को तालिबान शासित अफगानिस्तान के संदर्भ में कहा, "पड़ोसी देश में प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को पनाह देने और नए-नए हथियार उपलब्ध कराना आतंकवादी हमलों में वृद्धि के कारणों में से एक हैं".


हालांकि उन्होंने पड़ोसी देश का नाम नहीं लिया. पिछले हफ्ते पाकिस्तान ने पड़ोसी देश अफगानिस्तान पर अपनी धरती पर प्रतिबंधित टीटीपी को पनाह देने का आरोप लगाया था.


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