नेपाल में जारी विरोध प्रदर्शन के बीच सुभाष नाम के युवा प्रदर्शनकारी ने ANI को दिए एक इंटरव्यू में जेन-जेड के संबंध में बयान दिया. उसने कहा कि जेन-जेड भ्रष्टाचार से मुक्ति चाहता है. हम बदलाव चाहते हैं, इसलिए हम प्रदर्शन कर रहे हैं. हम उन्हें (पूर्व प्रधानमंत्री के.पी. शर्मा ओली) पीटना चाहते थे, लेकिन वह कहीं चले गए हैं. वह देश छोड़कर भाग गए हैं. हमने सभी राजनेताओं को पकड़ लिया. हमने शेर बहादुर देउबा और उनकी पत्नी आरज़ू देउबा का घर जला दिया. .

सुभाष ने आगे कहा कि हम एक अच्छे नेता की मांग करते हैं. हम राष्ट्रपति से बातचीत करना चाहते हैं. हमें आज पता चल जाएगा कि क्या होने वाला है. पिछले दो दिनों से हमने जो हिंसक विरोध प्रदर्शन देखा, वह अब नहीं होगा, लेकिन हम देश में एक नया नियम और कानून चाहते हैं.

नेपाल की सड़कों पर सेना के जवानPTI की रिपोर्ट के मुताबिक नेपाल में सरकार विरोधी हिंसक प्रदर्शनों के एक दिन बाद बुधवार (10 सितंबर 2025) की सुबह से ही सेना के जवान प्रतिबंध के आदेश लागू करने और शांति बहाल करने के लिए काठमांडू और अन्य शहरों में तैनात हो गए. इस प्रदर्शन के कारण के पी शर्मा ओली को प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा है. मंगलवार रात 10 बजे पूरे देश के सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली नेपाली सेना ने ओली के पद छोड़ने के घंटों बाद भी जारी अशांति को नियंत्रित करने के लिए काठमांडू, ललितपुर और भक्तपुर शहरों समेत देश भर के कई क्षेत्रों में प्रतिबंध लगा दिए हैं.

प्रदर्शनकारियों ने मंत्रियों के घर फूंकेसेना ने एक बयान में कुछ समूहों की कार्रवाइयों पर चिंता व्यक्त की उन्होंने कहा,'' जो लोग कठिन परिस्थितियों का अनुचित लाभ उठा रहे हैं और आम नागरिकों तथा सार्वजनिक संपत्ति को गंभीर नुकसान पहुंचा रहे हैं. उसके खिलाफ अपने सैनिकों को तैनात किया है.'' मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि प्राधिकारियों ने निवासियों को यह आदेश भी जारी किया है कि वे बेहद जरूरी काम न होने तक घर के अंदर ही रहें, ताकि आगे अशांति को रोका जा सके. सुबह से ही काठमांडू की आम तौर पर चहल-पहल वाली सड़कें वीरान दिखीं. कुछ ही लोग घरों से बाहर निकले और वो भी खासकर रोजमर्रा की जरूरत की चीजें खरीदने के लिए. सड़कों पर सुरक्षाकर्मियों की कड़ी गश्त है और मंगलवार को प्रदर्शनकारियों की तरफ से सरकारी और निजी इमारतों में लगा दी गई. आग को बुझाने के लिए दमकल की गाड़ियां देखी गईं. प्रदर्शनकारियों ने मंगलवार को संसद, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी.

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