यूक्रेन में आम लोगों पर अत्याचार की खबरों के बीच, नाटो के सदस्य देश गुरुवार को यूक्रेन को और अधिक हथियारों की आपूर्ति करने पर सहमत हो गए. इस बीच आशंका जताई जा रही है कि रूस पूर्वी डोनबास क्षेत्र में बड़ा हमला कर सकता है. बता दें कि नाटो ने एक संगठन के रूप में यूक्रेन को सैनिकों या हथियारों की आपूर्ति करने से इनकार किया है. हालांकि, सदस्य देशों ने कीव को विमान रोधी और टैंक रोधी हथियार उपलब्ध कराए हैं. 


नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग का बयान
ब्रसेल्स में सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों की एक बैठक के बाद नाटो के महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा, ‘‘बैठक से स्पष्ट संकेत मिला है कि सहयोगी देशों को और अधिक सहायता करनी चाहिए तथा और उपकरण देने चाहिए.’’ स्टोलटेनबर्ग ने यह नहीं बताया कि यूक्रेन को कौन से देश किस प्रकार के उपकरण मुहैया कराएंगे. उन्होंने कहा, ‘‘सहयोगी देश सोवियत समय के और आधुनिक उपकरण मुहैया करा रहे हैं.’’


यूक्रेन ने नाटो से मांगे और अधिक हथियार
यूक्रेन के विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने NATO से हथियार मुहैया कराने का अनुरोध किया था. वह नाटो मुख्यालय में सैन्य संगठन के विदेश मंत्रियों के साथ बातचीत के लिए पहुंचे. कुलेबा ने कहा कि 'हमें लड़ना आता है. हमें जीतना आता है, लेकिन यू्क्रेन जो मांग कर रहा है उसकी लगातार और पर्याप्त आपूर्ति के बिना जीत बहुत लोगों की कुर्बानी ले लेगी. 


'जितने ज्यादा हथियार मिलेंगे, उतने ही इंसानों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी'
कुलेबा ने कहा कि जितने ज्यादा हमें हथियार मिलेंगे और जितना जल्दी वे यूक्रेन पहुंचेंगे, उतने ही इंसानों की जिंदगियां बचाई जा सकेंगी. विदेश मंत्री ने खास तौर पर जर्मनी से आग्रह किया और बेहद जरूरी साजोसामान और हथियार भेजने में तेजी लाने के लिए कहा. उन्होंने कहा कि बर्लिन के पास वक्त है पर कीव के पास नहीं है.


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