Myanmar Civil War: तख्तापलट के बाद से म्यांमार में स्थिति नाजुक बनी हुई है. मौजूदा समय में यहां आर्मी शासन लागू है. इसके बावजूद जुंटा शासन और विद्रोही गुटों के बीच जारी लड़ाई राजधानी नाएप्यीडॉ तक पहुंच गई है. विपक्ष की माने तो उसकी तरफ से संकटग्रस्त सेना पर ड्रोन हमले का आदेश जारी किया गया है. नेशनल यूनिटी गवर्नमेंट के मुताबिक हवाई अड्डे, वायु सेना बेस और सैन्य मुख्यालयओं को निशाना बनाते हुए करीब 29 ड्रोन हमला हुआ है. 


सुकून भरी खबर यह है कि इस खतरनाक हमले में किसी आम नागरिक के घायल होने की खबर सामने नहीं आई है. वहां के अधिकारियों ने भी इस खबर की पुष्टि की है. गुरुवार (04 अप्रैल 2024) की सुबह राजधानी पर हुए हमले के बाद जुंटा प्रशासन के लिए यह अबतक का सबसे बड़ा झटका है. वहीं विद्रोही समूहों की सबसे बड़ी कामयाबी बतााई जा रही है.


विद्रोहियों की ओर से राजधानी को निशाना बनाए जाने के पीछे का असल मकसद मौजूदा सैन्य शासन के खिलाफ अपने शक्ति का प्रदर्शन करना है. वहीं इस हमले के बाद सत्तारूढ़ सेना का बयान भी सामने आया है. उनकी तरफ से बोला गया है कि विद्रोहियों के सभी हमलों को उन्होंने नाकाम कर दिया है. 


हमले के बाद एनयूजी के उप सचिव एमजी एमजी स्वे का बयान भी सामने आया है. उनका कहना है हमने इस खास ऑपरेशन के लिए कई तरह के योजना बनाए हैं. 


बता दें एनयूजी आंग सान सू की अगुवाई वाली सरकार का समर्थन करती हैं, जिसे 2021 में तख्तापलट के जरिए सत्ता से बाहर कर दिया गया था. तख्तापलट के बाद से एनयूजी और अन्य विपक्षी विद्रोही समूह जुंटा शासन से संघर्ष की लड़ाई लड़ रहे हैं.


मौजूदा समय में एनयूजी और विद्रोही गुटों ने जुंटा शासन से कई इलाके छीन लिए हैं. म्यामांर में गृहयुद्ध करीब 3 साल से जारी है. इस दौरान संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट पर गौर करें तो हजारों लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 26 लाख के करीब लोग विस्थापित हुए हैं.


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