Maldives tourism: भारतीय टूरिस्टों द्वारा जनवरी महीने में चलाए गए "बायकॉट मालदीव" अभियान का असर अब साफ दिखने लगा है. मालदीव में भारतीय टूरिस्टों की संख्या पहले स्थान से खिसककर सीधे पांचवे स्थान पर चली गई है. इसको लेकर मालदीव के पर्यटन मंत्रालय ने सोमवार को आंकड़े जारी किए हैं.


मालदीव पर्यटन मंत्रालय के आंकडों के मुताबिक मालदीव में चीनी टूरिस्टों की संख्या बढ़ गई है, लेकिन यह अभी भी तीसरे स्थान पर हैं. एक रिपोर्ट के मुताबिक मालदीव के राष्ट्रपति ने चीन यात्रा के दौरान चीनी टूरिस्टों की संख्या बढ़ाने को लेकर चीन सरकार से याचना की थी. बावजूद इसके अभी तक चीनी यात्री भारतीय टूरिस्टों की भरपाई नहीं कर पा रहे हैं.


मोदी ने लक्षद्वीप को मालदीव जैसा बताया था- रिपोर्ट
दरअसल, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लक्षद्वीप यात्रा से लौटने के बाद एक ट्वीट किया था, इसमें उन्होंने भारतीय टूरिस्टों से लक्षद्वीप घूमने की अपील की थी. इस ट्वीट के बाद मालदीव में बवाल मच गया और वहां के कई मंत्रियों ने पीएम मोदी के ट्वीट पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, जिसके बाद भारतीयों ने सोशल मीडिया पर मालदीव बॉयकाट का हैशटैग चला दिया. इसके बाद मालदीव की सरकार ने इन मंत्रियों को हटा भी दिया था.


मालदीव सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार मालदीव में चीनी टूरिस्टों की संख्या 21 जनवरी को भारत से आगे निकल गई, जबकि साल 2023 में मालदीव में सबसे अधिक भारतीय टूरिस्टों की संख्या रही है. 


मालदीव टूरिज्म के किस तरह बदले आंकड़े
मालदीव पर्यटन में भारतीय टूरिस्टों की हिस्सेदारी साल 2023 में 31 दिसंबर तक 11.1 फीसदी थी, जबकि रूस दूसरे स्थान पर था. वहीं चीन 10 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे नंबर पर था. मालदीव सरकार द्वारा 3 जनवरी को जारी किए गए आंकड़ों में चीन टॉप-10 में भी नजर नहीं आ रहा था. हालांकि, 2024 में 13 जनवरी तक भारतीय पर्यटकों की हिस्सेदारी 8.1 फीसदी के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गई. इस दौरान चीन छठे स्थान पर पहुंच गया था. 


मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की बीजिंग यात्रा के बाद 21 जनवरी तक मालदीव पर्यटन में चीन चौथे स्थान पर पहुंच गया और भारत नीचे खिसक कर पांचवें स्थान पर पहुंच गया. 28 जनवरी जारी आंकड़ों के मुताबिक चीन 9.5 फीसदी हिस्सेदारी के साथ तीसरे स्थान पर पहुंच गया है. बता दें कि मालदीव में पिछले साल हुए चुनाव में मोहम्मद मुइज्जू राष्ट्रपति बने गए.  उन्होंने अपना पूरा चुनाव प्रचार भारतीयों के विरोध में किया. इसलिए अब मालदीव में मुइज्जू सरकार को भारत विरोधी और चीन की करीबी सरकार कहा जाता है.


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