नई दिल्ली: भगोड़े हीरा कारोबारी और लंदन की जेल में कैद नीरव मोदी की न्यायिक हिरासत आज खत्म हो रही है. नीरव को एक नियमित कॉल ओवर सुनवाई के लिए जेल से वीडियो लिंक के जरिए वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.


आपको बता दें कि नीरव मोदी पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) से दो अरब डॉलर की धोखाधड़ी करने और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में भारत में वांछित है. वो भारत प्रत्यर्पित किए जाने के मुकदमे का सामना कर रहा है. ब्रिटेन के कानून के तहत लंबित प्रत्यर्पण मुकदमे के लिए हर 28 दिन पर इस सुनवाई की जरूरत होती है. मुकदमे की तैयारियों के लिए अगले साल फरवरी में सुनवाई होने की भी संभावना है.


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पिछली सुनवाई के दौरान जज डेविड रॉबिन्सन ने नीरव से कहा था कि इस मामले में कुछ ठोस नहीं है और अदालत उसके प्रत्यर्पण मुकदमे की सुनवाई पांच दिनों तक, 11-15 मई 2020 को करने की दिशा में काम कर रही है.



गौरतलब है कि नीरव मोदी को मार्च में गिरफ्तार किया गया था, तभी से वह दक्षिण-पश्चिम लंदन की वैंड्सवर्थ जेल में बंद है. ये इंग्लैंड की सबसे अधिक भीड़-भाड़ वाली जेल है. भारत सरकार के आरोपों पर स्कॉटलैंड यार्ड ने नीरव को 19 मार्च को गिरफ्तार किया था और तब से वह जेल में है.


नीरव की गिरफ्तारी के बाद से अधिवक्ता आनंद दूबे और क्लेर मोंटगोमरी के नेतृत्व वाली उसकी कानूनी टीम ने चार जमानत याचिकाएं दायर की, लेकिन उसके भागने के खतरे के चलते हर बार ये याचिकाएं खारिज कर दी गईं. जून में उसकी आखिरी जमानत अपील को खारिज करते हुए लंदन स्थित रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस की न्यायाधीश इंग्रिड सिमलर ने कहा था कि यह मानने के ठोस आधार हैं कि नीरव (जेल से बाहर निकलने पर) आत्मसर्मण नहीं करेगा, क्योंकि उसके पास फरार होने के साधन हैं.


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