Nikhil Gupta Extradition: चेक गणराज्य की एक अपीलीय अदालत ने भारतीय नागरिक निखिल गुप्ता के अमेरिका प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है. अमेरिका ने उस पर खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू की अमेरिकी धरती पर हत्या की असफल साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया था. 


चेक रिपब्लिक न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता के मुताबिक, निखिल गुप्ता के प्रत्यर्पण पर अंतिम फैसला न्याय मंत्री पावेल ब्लेजेक के पास है. 52 वर्षीय भारतीय नागरिक को अमेरिका की गुजारिश पर 30 जून को चेक गणराज्य में गिरफ्तार किया गया था. अमेरिकी संघीय अभियोजकों ने निखिल गुप्ता पर भाड़े पर हत्या कराने का आरोप लगाया है. इसके तहत अधिकतम 10 साल जेल की सजा का प्रावधान है.


निखिल गुप्ता के वकीलों की क्या है दलीलें?


चेक समाचार वेबसाइट सेजनाम जपरावी की रिपोर्ट के मुताबिक, निखिल गुप्ता के वकीलों ने अदालत में दलील दी है कि निखिल की गिरफ्तारी गलत पहचान की वजह से हुई है. वकील ने कहा कि निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी राजनीति से प्रेरित है. दिसंबर में निचली अदालत के फैसले के खिलाफ भारतीय नागरिक की अपील के बावजूद प्राग हाईकोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा है. न्याय मंत्रालय के प्रवक्ता ने संकेत दिया है कि अंतिम फैसला अब न्याय मंत्री पावेल ब्लेज़ेक के पास है. हालांकि न्याय मंत्री का फैसला कब आएगा इस पर कोई साफ जानकारी नहीं है.


अमेरिका ने क्या सबूत दिए?


अमेरिकी अदालत में अभियोग से जुड़े दस्तावेजों में निखिल गुप्ता को साजिश से जोड़ने के लिए कम्युनिकेशन डिटेल साझा किया गया था. इसके साथ ही पैसे के लेन देने और 'भाड़े के हत्यारे' को पेशगी की रकम देते हुए कुछ तस्वीरें भी पेश की गई थीं. अमेरिका ने दावा किया है कि निखिल गुप्ता ने कथित तौर पर जिस 'भाड़े के हत्यारे' को पेशगी की रकम दी थी वह एक अंडरकवर अमेरिकी एजेंट था.


हालांकि निखिल गुप्ता के वकील ने पैसों की लेनदेन वाली तस्वीर को लेकर कहा कि वे तस्वीरें कुछ बयां नहीं करती है. यानी इसे सबूत के तौर पर पेश नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि इस फोटो को कैसे भी क्लिक किया जा सकता है.


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