Kenya Declares War Against Millions of Birds: दुनिया के अधिकतर देश जहां इस समय कोरोना वायरस के घटते-बढ़ते खतरों और आर्थिक मंदी से लड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ अफ्रीका का एक देश चिड़ियों से जूझ रहा है. स्थिति यह है कि वहां की सरकार अब इन चिड़ियों के खिलाफ ‘युद्ध’ का एलान कर चुकी है. बेशक सुनकर आपको अजीब लगे, लेकिन यह हकीकत है. हम बात कर रहे हैं केन्या की.


रिपोर्ट के मुताबिक, यहां की सरकार ने करीब 6 मिलियन रेड-बिल्ड क्वेलिया पक्षियों को मारना शुरू कर दिया है. ये दुनिया की सबसे अधिक आबादी वाली पक्षी प्रजातियां हैं. इन्हें 'पंख वाले टिड्डे के रूप में भी जाना जाता है. ये पक्षी गेहूं, जौ, चावल, सूरजमुखी और मकई जैसी फसलों को खा जाते हैं.


सूखे की वजह से शुरू हुई समस्या


दरअसल, अफ्रीकी महाद्वीप का पूर्वी भाग जिसमें सोमालिया, इथियोपिया, इरिट्रिया, जिबूती, सूडान, केन्या और दक्षिण सूडान आते हैं, भयंकर सूखे का सामना कर रहा है. लंबे समय के सूखे ने इन देशों में देसी घास की मात्रा को कम कर दिया है, जिसके बीज क्वेलिया पक्षियों के मुख्य भोजन स्रोत हैं. मुख्य भोजन स्रोत खत्म होने के बाद इन पक्षियों ने तेजी से अनाज के खेतों पर आक्रमण करना शुरू कर दिया है.


इसलिए इन्हें मारना चाहता है केन्या


अनाज नष्ट करने की सबसे ज्यादा समस्या केन्या में ही हो रही है. रिपोर्ट की मानें तो अब तक केन्या में इन पक्षियों ने करीब 300 एकड़ चावल के खेतों को नष्ट कर दिया है. खाद्य और कृषि संगठन (FAO) के अनुसार, इन चिड़ियों का 20 लाख का झुंड एक दिन में 50 टन अनाज खा सकता है. पश्चिमी केन्या में किसान पक्षियों के कारण करीब 60 टन अनाज खो चुके हैं. द गार्जियन ने बताया कि 2021 में एफएओ ने अनुमान लगाया कि पक्षियों की तरफ से सालाना $50m (£40m) की फसल का नुकसान पहुंचेगा. अब क्योंकि इनसे नुकसान ज्यादा हो रहा है, इसलिए सरकार ने इन्हें मारने का फैसला किया है.


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