Jack Ma: चीन के अरबपति और दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा (Alibaba) के संस्थापक जैक मा (Jack Ma) करीब 6 महीने से जापान की राजधानी टोक्यो (Tokyo) में रह रहे हैं. जैक मा 2020 से एक लो प्रोफाइल जीवन बिता रहे हैं. एकाधिकार-विरोधी नियमों का उल्लंघन करने पर जैक मा का चीन की सरकार से तनाव बढ़ गया था.


फाइनेंशियल टाइम्स (Financial Times) की रिपोर्ट के मुताबिक जैक मा अपने परिवार के साथ जापान में रह रहे हैं. टोक्यो के बाहर ग्रामीण इलाकों के स्की रिसॉर्ट में उन्हें अक्सर देखा जाता है. जैक मा ने हाल के महीनों में कई बार अमेरिका और इजरायल का भी दौरा किया है.


जैक मा क्यों गायब रहते हैं


58 साल के जैक मा सार्वजनिक जीवन से काफी हद तक गायब ही रहते हैं. उन्होंने 2020 में चीन की नीतियों की आलोचना की थी. उन्होंने चीन के वित्तीय नियामक प्रणाली की आलोचना करते हुए सरकारी बैंकों की तुलना सूदखोरों से की थी. उन्होंने सरकारी बैंकों पर सूदखोरों वाला रवैया (Pawnshop Mentality) रखने का आरोप लगाया था. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय वित्तीय विनियमन समझौते (Basel Accords) पर भी सवाल खड़े किए थे. उसके बाद से उनकी बनाई गई दोनों कंपनियों Ant और Alibaba को चीनी प्रशासन ने काफी परेशान किया था.


चीन की सरकार ने पिछले साल Ant कंपनी के ब्लॉकबस्टर 37 बिलियन डॉलर के IPO पर रोक लगा दी थी और Alibaba कंपनी पर भरोसे का दुरुपयोग करने के नाम पर रिकॉर्ड 2.8 बिलियन डॉलर का जुर्माना लगा दिया था.  


चीन की सरकार के साथ तनाव बढ़ने से पहले जैक मा ने 2015 में भारत का दौरा किया था. इस दौरे पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भी मुलाकात की थी. जैक मा की कंपनी Alibaba ने इस यात्रा के दौरान भारत में अपने बिजनेस पार्टनर भी बनाए. जैक मा का शंघाई के पास हांगझोऊ (Hangzhou) शहर में एक घर है. इसी शहर में Alibaba कंपनी का मुख्यालय है. चीन के अधिकारियों के साथ तनाव के बाद जैक मा स्पेन और नीदरलैंड्स समेत कई देशों में देखे गए. 
 
चीन सरकार की नीतियों का किया था विरोध


गरीब परिवार में जन्मे जैक मा चीन में सबसे सम्मानित बिजनेसमैन में से एक रहे हैं. बड़े होकर वे चीन के सबसे अमीर शख्स में से एक बन गए. जैक मा 2019 में अपने 55वें बर्थडे पर ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के चेयरमैन पद से अचानक रिटायर हो गए. उनका ये कदम पूरी दुनिया के लिए चौंकाने वाला था. उन्होंने रिटायरमेंट का एलान करते हुए कहा था कि वे वर्क टेबल की बजाय बीच पर मरना ज्यादा पसंद करेंगे.


उनके इस बयान से अनुमान लगाया गया कि सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) उनके काम में दखलंदाजी कर रहा है. इसे चीन के सबसे बड़े कारोबारी पर चीन की सरकार का नियंत्रण करने का तरीका माना गया. जैक मा के रिटायरमेंट और उसके बाद सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना के जैक मा की कंपनियों के साथ कई कंपनियों पर कार्रवाई ने सारी अटकलों की पुष्टि कर दी. इससे जगजाहिर हो गया कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग देश के अमीर कारोबारियों के प्रभाव को कम करना चाह रहे हैं. 


'कई अमीर चीन से पलायन कर सकते हैं'


जैक मा के स्वामित्व वाली हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट ने हाल ही में रिपोर्ट दी है कि पिछले महीने शी जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर सीपीसी की बैठक में मुहर लगने के बाद कई अमीर लोग चीन से पलायन करने के रास्ते तलाश रहे हैं. उन्हें अपने खिलाफ कार्रवाई का डर सता रहा है. फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक जैक मा फाउंडेशन और Ant कंपनी की ओर से जैक मा के टोक्यो में रहने को लेकर पूछे गए सवालों पर कोई जवाब नहीं दिया गया है.


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